बस्तर से बाज़ार तक - एक ऐसा मॉडल जिससे छत्तीसगढ़ के जंगलो की उपज सीधे आप तक पहुंच रही है। महाराष्ट्र के गोंदिया के रहने वाले सतेंदर सिंह लिल्हारे जिन्होंने 900 किसानो के समूह को संगठित करके जंगल में होने वाले फल जैसे शरीफा, इमली, आमचूर, जामुन इत्यादि लोगो तक सही मूल्य पर उपलब्ध कराये। भोलेभाले किसानो की वनोपज को सीधे बाज़ार में उपलब्ध कराने का यह मॉडल छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में सफलता की नयी कहानी कह रहा है।
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इस अनूठी पहल से छत्तीसगढ़ के आदिवासी सीधा शहरों में बेच रहे हैं उपज
Satyendra Lilhare (right) with farmers of Chhattisgarh's Bastar district. Source: Supplied by Satyendra Lilhare