बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है जो उन विशिष्ट अधिकारों की रूपरेखा तैयार करता है जिन पर बच्चे और युवा दावा कर सकते हैं। ये प्रमुख अधिकार क्या हैं और ऑस्ट्रेलिया में इन्हें कैसे संरक्षित किया जाता है?
मुख्य विशेषताएं:
- सभी बच्चे संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के बाल अधिकारों द्वारा संरक्षित है
- ऑस्ट्रेलियाई अनिवार्य रिपोर्टिंग कानूनों के लिए संदिग्ध बाल शोषण की रिपोर्ट की आवश्यकता होती है
- ऑस्ट्रेलियाई कानून बच्चों को बहुत कम उम्र में कार्यक्षेत्र में जाने से बचाता है
- संयुक्त राष्ट्र ने ऑस्ट्रेलिया से आपराधिक जिम्मेदारी की उम्र 10 से बढ़ाकर कम से कम 14 वर्ष की करने का आह्वान किया है
ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के लगभग हर देश बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के लिए प्रतिबद्ध है, । इससे यह सबसे व्यापक रूप से समर्थित मानवाधिकार संधि बन गई है।
कन्वेंशन में बच्चों के अधिकारों में शामिल हैं:
उचित व्यवहार करने का अधिकार
उन्हें प्रभावित करने वाले निर्णयों के बारे में कहने का अधिकार
स्वस्थ रहने और बढ़ने का अधिकार
सुरक्षित रहने का अधिकार चाहे वे कहीं भी हों
शिक्षा का अधिकार
खेलने और मस्ती करने का अधिकार
स्वस्थ्य होने का अधिकार
पाउला गेरबर, बच्चों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून में विशेषज्ञता के साथ मोनाश विश्वविद्यालय में विधि संकाय में प्रोफेसर हैं।
वह कहती हैं कि सभी बच्चे, जैसे ही वे पैदा होते हैं, हमारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली के हकदार होते हैं।
"लेकिन जाहिर है कि बच्चों को अच्छी तरह से रखने, उन्हें डॉक्टर के पास ले जाने और उनके टीकाकरण की प्राथमिक जिम्मेदारी पहले माता-पिता पर आती है," वह कहती हैं।
सुरक्षित रहने का अधिकार
बच्चों को सुरक्षित रहने का अधिकार है चाहे वे कहीं भी हों।
अनिवार्य रिपोर्टिंग कानून, जो ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्राधिकारों के बीच भिन्न होते हैं, के लिए निर्दिष्ट लोगों को बाल संरक्षण सेवाओं को संदिग्ध दुर्व्यवहार की रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है।
यह शारीरिक, यौन और भावनात्मक शोषण, उपेक्षा और पारिवारिक हिंसा के मामलों में लागू होता है, प्रोफेसर गेरबर बताती हैं।
"बच्चों को सुरक्षित रहने का अधिकार है, और कानून कई अलग-अलग पेशेवरों पर 'अनिवार्य रिपोर्टिंग दायित्वों' को लागू करता है। यदि उनके पास यह मानने का कारण है कि एक बच्चे को हिंसा, दुर्व्यवहार या उपेक्षा का शिकार किया जा रहा है, तो उन्हें अवश्य ही बाल संरक्षण सेवाओं को, रिपोर्ट करें जो सरकार के मानव सेवा विभाग के अंतर्गत आता है," प्रो गेरबर कहते हैं।
जिन लोगों पर अनिवार्य रिपोर्टिंग दायित्व हैं वे डॉक्टर, नर्स, शिक्षक, पुलिस और यहां तक कि धार्मिक संगठनों में काम करने वाले लोग भी हैं
शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार
ऑस्ट्रेलिया में छह से 17 साल के बच्चों के लिए स्कूल अनिवार्य है।
यह सुनिश्चित करना माता-पिता और स्कूलों दोनों पर है कि बच्चे स्कूल जाएं। स्कूल के प्रधानाध्यापक से अपेक्षा की जाती है कि वर्ष में पांच दिनों से अधिक की अस्पष्टीकृत अनुपस्थिति पर अनुवर्ती कार्रवाई की जाय।
बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा होम-स्कूल किया जा सकता है, लेकिन उन्हें परमिट के लिए आवेदन करना होगा और शिक्षा विभाग को नियमित रूप से रिपोर्ट करना होगा।
बाल श्रम
प्रोफ़ेसर गेरबर ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई बच्चे एक निश्चित आयु तक वेतन पर नौकरी नहीं कर सकते हैं।
हमारे पास काम के माहौल में बच्चों के बारे में बहुत स्पष्ट कानून हैं, और कानून कहता है कि कोई भी बच्चा 15 वर्ष का होकर ही काम कर सकता है।
प्रोफ़ेसर गेरबर कहती हैं, ''अख़बार देने या मनोरंजन के क्षेत्र में काम करने जैसे कुछ अपवाद हैं.''
15 से 18 के बीच के बच्चे स्कूल अवधि के दौरान प्रति दिन तीन घंटे या प्रति सप्ताह 12 घंटे से अधिक काम नहीं कर सकते हैं।
स्कूल की छुट्टियों के दौरान यह प्रति दिन छह घंटे या प्रति सप्ताह 30 घंटे तक है।
प्रो गेरबर इस बात से सहमत हैं कि ऑस्ट्रेलिया को बच्चों के अधिकारों को निर्धारित करने वाले अधिक स्पष्ट कानूनों की आवश्यकता है।
"बच्चे के अधिकारों पर एक सम्मेलन है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में बाल अधिकार अधिनियम नहीं है, इसलिए ऑस्ट्रेलिया के लिए यह बच्चों के अधिकारों पर इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संधि को लागू करने के लिए एक बहुत ही बिखरा बिखरा दृष्टिकोण है।”
आपराधिक जिम्मेदारी की उम्र
संयुक्त राष्ट्र ने ऑस्ट्रेलिया से कम से कम 14 वर्ष की आयु बढ़ाने का आह्वान किया है।
ऑस्ट्रेलिया ने अब तक संयुक्त राष्ट्र की सिफारिश UN's recommendation को खारिज किया है।
प्रोफेसर गॉर्डन का कहना है, "शोध से पता चलता है कि बच्चों और युवाओं के दिमाग 25 साल की उम्र तक विकसित हो रहे होते हैं।"
उन्होंने कहा, "10 साल की उम्र में किसी बच्चे को आपराधिक रूप से जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है।" "आपराधिक जिम्मेदारी की न्यूनतम आयु बढ़ाने के लिए कार्यकर्ताओं, वकीलों और युवाओं का सपोर्ट है।"
हिरासत में आदिवासी युवा
युवा न्याय प्रणाली में आदिवासी युवाओं का अधिक होना एक प्रमुख मुद्दा है, प्रोफेसर गेरबर का कहना है,
"10 से 17 वर्ष की आयु के आदिवासी युवा जनसंख्या का 6 प्रतिशत बनाते हैं, लेकिन यदि आप युवा निरोध केंद्रों को देखें, तो वहाँ वे जनसंख्या का 56 प्रतिशत बनाते हैं।"
उनका कहना है कि कोर्ट डायवर्जन प्रोग्राम अच्छा काम करते हैं, लेकिन अधिक संसाधनों की आवश्यकता है।
संसाधन और समर्थन
प्रोफ़ेसर गॉर्डन के अनुसार युवा लोगों और परिवारों के पास अक्सर संसाधनों की कमी होती है.
"न्याय प्रणाली में कई बच्चे को अपने समुदाय में पर्याप्त समर्थन तंत्र नहीं मिला है। इसके बजाय, उन्हें आपराधिक न्याय प्रणाली में लाया जाता है जो वास्तव में उनके कई मुद्दों को बढ़ा देता है।"
सहायता ढूँढना
"ऑस्ट्रेलिया में एक बहुत ही जीवंत सामुदायिक कानूनी क्षेत्र है," प्रो गॉर्डन ने कहा।
"सामुदायिक कानूनी केंद्र आपकी आय के आधार पर मुफ्त कानूनी सलाह देते हैं।"
आदिवासी कानूनी केंद्र और एक कानूनी सहायता प्रणाली भी उपलब्ध है जिसके माध्यम से लोग आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़े रहने के दौरान धन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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