लखनऊ की लड़की आयशा अमीन एक उदहारण बन कर निकली हैं. वह बुर्का पहनकर बुलेट चलाती हैं और अब तो प्रोफेशनल तौर पर राइडर बन चुकी हैं. शहर में उनको लोग अब बुर्का राइडर कहने लगे हैं.
आमतौर पर लड़कियों को टूवीलर चलाने में सिर्फ स्कूटी पर ही ध्यान जाता है. लेकिन कोई लड़की अगर बाइक चलाये और वो भी बुलेट 350 जैसी बाइक तो आज भी लोग चौंकते हैं. अगर यही बाइक कोई बुर्का पहने हुए लड़की चला रही हो तो लोग एक बार ठिठक कर देखने लगते हैं.
इसके दो कारण हैं, पहला लड़कियां भारत विशेषकर उत्तर भारत की हिंदी पट्टी में बाइक कम ही चलाती हैं और दूसरा बुर्का को पिछड़ेपन की निशानी ही समझा जाता है.
ऐसे में लखनऊ की लड़की आयशा अमीन एक उदहारण बन कर निकली हैं. वह बुर्का पहनकर बुलेट चलाती हैं और अब तो प्रोफेशनल तौर पर राइडर बन चुकी हैं. शहर में उनको लोग अब बुर्का राइडर कहने लगे हैं.
आजकल जब लड़कियों की सुरक्षा को लेकर लोगों में तमाम आशंकाएं हैं तब आयशा निर्भीक होकर शहर में सरपट बाइक दौडाती हैं. उन्हें बचपन से ही बाइक का शौक था. यही शौक अब जूनून बन गया है.
आयशा सामाजिक मुद्दों को भी लेकर गंभीर हैं और अक्सर उनकी राइड किसी न किसी सन्देश के लिए होती है, जैसे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, कन्या भ्रूण हत्या इत्यादि. इस मामले में अब उनको समाज का समर्थन भी मिलने लगा है.
लेकिन बाइकर बनने में कहीं पर क्या बुर्का उनके आड़े आया. यह आयशा के लिए एक बड़ा सवाल था. लेकिन अपनी पहचान को बरक़रार रखते हुए आयशा ने बाइक राइडर बनने की ठानी. आज यही बुर्का उनकी पहचान बन गया है. सुनिए, क्या कहती हैं आयशा अमीनः