पहली बार कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा ले रहे डॉ. अमोल पाटील खेल गांव को सुइयों से मुक्त रखने की नीति का उल्लंघन करने के दोषी पाए गए हैं. उन्होंने जांचकर्ताओं को बताया था कि एक खिलाड़ी को उन्होंने विटामिन बी का इंजेक्शन दिया था.
पिछले हफ्ते भारतीय खिलाड़ियों के कमरों के पास एक बोतल में सुइयां बरामद हुई थीं जिसके बाद यह जांच शुरू हुई थी.
कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन कोर्ट ने कहा कि भारतीय डॉक्टर ने सुई के इस्तेमाल की सूचना दी और जांच में सहयोग किया.
ऑस्ट्रेलियन स्पोर्ट्स ऐंटी डोपिंग एजेंसी ने अपनी जांच में किसी तरह की डोपिंग को खारिज किया है.
कॉमनवेल्थ खेलों को सुइयों से मुक्त रखने की नीति है लेकिन मेडिकल इस्तेमाल के लिए कुछ अपवाद हैं.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि गोल्ड कोस्ट में हिस्सा लेने आए 327 सदस्यीय भारतीय दल के साथ सिर्फ दो डॉक्टर आए हैं. डॉ. पाटील बॉक्सिंग टीम के साथ हैं.
कोर्ट ने कहा कि डॉ. पाटील सुइयों के सही निस्तारण के लिए बर्तन लेने गए तो उन्हें कमरे में ही छोड़ गए जो नियमों का उल्लंघन है.
लेकिन कोर्ट ने डॉ. पाटील को किसी और नियम या नीति के उल्लंघन का दोषी नहीं पाया है.
पाटील ने एक ईमेल करके मेडिकल कमिश्न को सूचित कर दिया था. हालांकि उन्हें एक फॉर्म भरकर ऐसा करना था.
कनाडा के रिचर्ड पावर्स की अध्यक्षता वाले फेडरेशन कोर्ट ने कहा कि डॉ. पाटील को "सख्त लिखित फटकार" लगाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि डॉक्टर को नियमों और नीतियों की जानकारी होनी चाहिए.