सिडनी के इंग्लेबर्न इलाके में सचिन शर्मा का पांच बेडरूम का घर था जो 12 जून 2012 को लगी आग में जलकर खाक हो गया था.
अखबार सिडनी मॉर्निंग हेरल्ड के मुताबिक यह घटना इंश्योरेंस पॉलिसी के खत्म होने से सिर्फ दो महीने पहले हुई थी. आमतौर पर इसे 600 डॉलर प्रति सप्ताह के किराये पर दिया जाता था. लेकिन आग लगने के वक्त घर में कोई नहीं रह रहा था.
शर्मा ने एनआरएमए से घर के लिए 466,252 डॉलर्स और सामान के लिए 60637 डॉलर्स की इंश्योरेंस राशि के लिए अप्लाई किया. लेकिन कंपनी ने कहा कि आग शर्म के दोस्त जय सेन ने जानबूझकर लगाई थी इसलिए इंश्योरेंस की राशि नहीं दी जाएगी.
कंपने ने कहा कि घटनास्थल से सेन का फोन बरामद हुआ. लेकिन सेन का दावा था कि उनका फोन एक साल पहले खो गया था. पर फोन रिकॉर्ड्स से पता चला कि सेन ने आग लगने के दिन भी अपनी गर्लफ्रेंड से बात की थी.
पुलिस को सेन का फोन घर के बैकयार्ड में मिला.
इंश्योरेंस की राशि न मिलने पर सचिन शर्मा ने एनआरएमए पर मुकदमा कर दिया. लेकिन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज ने इसी साल फरवरी में सचिन शर्मा की अपील को खारिज कर दिया. सुनवाई के दौरान पता चला कि उस घर में रहे एक व्यक्ति से शर्मा ने मजाक में कहा था कि वह घर जलाकर इंश्योरेंस की राशि ले लेंगे.
शर्मा ने ऊपरी अदालत में मुकदमा किया. बीते शुक्रवार आए फैसले में जस्टिस रॉबर्ट मैकफारलान, ऐंथनी मीगर और रॉनल्ड सैकविल ने एकमत से उनकी अपील खारिज कर दी. जस्टिस मीगर ने कहा, “उपलब्ध संभावनाओं से एक ही निष्कर्ष निकलता है जो प्राइमरी जज ने बताया कि सेन आग की घटना वाले दिन फोन का इस्तेमाल कर रहे थे. कुछ मिनट पहले तक भी फोन उनके पास था और आग लगाने के बाद वह उसे गलती से वहीं छोड़ गए.”
अदालत ने शर्मा को सारा खर्च वहन करने का आदेश दिया है.
