COVID-19: इमिग्रेशन मंत्री ने फंसे हुए स्टूडेंट्स से क्या कहा

इमिग्रेशन मामलों के कार्यवाहक मंत्री ऐलन टज ने बहुसांस्कृतिक मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा है कि सरकार को पता है, अस्थायी या छात्र वीसा पर रहने वाले बहतु से लोग इस वक्त मुश्किल स्थिति में हैं. लेकिन ऐलन टज ने किसी तरह की राहत या आश्वासन नहीं दिया.

Alan Tudge

Acting Immigration Minister Alan Tudge Source: AAP Image/Joel Carrett/Getty Images

केंद्र सरकार ने माना है कि इस वक्त ऑस्ट्रेलिया में फंसे हजारों भारतीय छात्र और अन्य अस्थायी वीसा धारक मुश्किल स्थिति में हैं. केंद्रीय इमिग्रेशन मंत्री ऐलन टज ने कहा है कि सरकार स्थिति पर करीब से नजर रख रही है.


खास बातेंः

  • भारत में लॉकडाउन के कारण हजारों स्टूडेंट्स और पर्यटक इस वक्त ऑस्ट्रेलिया में फंसे हुए हैं.

  • केंद्र सरकार भारत की स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है.

  • केंद्र सरकार ने पहले कहा था जो लोग अपना खर्चा नहीं उठा सकते वे भारत जा सकते हैं.


    Acting Immigration Minister Alan Tudge has told temporary migrants to contact the government if they have concerns.
    Acting Immigration Minister Alan Tudge has told temporary migrants to contact the government if they have concerns. Source: AAP
मेलबर्न में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री एलन टज ने कहा, "हमें पता है कि भारत में मोदी सरकार ने सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को पूरी तरह बंद कर दिया है. पहले इन्हें इस हफ्ते से खोलने की योजना थी लेकिन सरकार ने लॉकडाउन को कुछ और हफ्तों के लिए आगे बढ़ाने का फैसला किया है."

"इसिलए हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. नेपाल भी ऐसी ही स्थिति में है. और ऑस्ट्रेलिया में इन दोनों देशों से बड़ी संख्या में लोग हैं. तो हम हालात को जांच रहे हैं और आंकड़ों का अध्ययन कर रहे हैं."

Our multicultural community has been outstanding in helping stop the flow of the virus. At a press conference today I thanked them and gave more detail about visa changes. https://t.co/Yg2lx9Dhdx

— Alan Tudge (@AlanTudgeMP) April 15, 2020

पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने छात्रों के लिए कुछ राहतों का ऐलान किया था. जैसे कि यदि उन्हें एक साल से ज्यादा हो गया है तो वे अपने सुपर ऐन्युएशन से धन निकाल सकते हैं.

लेकिन जिन्हें एक साल नहीं हुआ है उन्हें अपना भार खुद उठाने के लिए कहा गया था.

इसी रुख को दोहराते हुए सरकार ने छात्रों को उस फॉर्म की भी याद दिलाई जो दाखिला लेते वक्त भरा जाता है और जिसमें छात्र यह घोषणा करते हैं कि उनके पास एक साल तक अपना खर्चा उठाने के प्रबंध हैं.

Preethi
Preethi Ramashetty with her daughter. Source: Supplied

सरकार के इस रवैये से छात्र निराश और आहत हैं. जशमीत सिंह कहते हैं कि हर बार सरकार ने उन्हें निराश ही किया है.

"मैं उम्मीद कर रहा था कि आज वे अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए आर्थिक मदद का ऐलान करेंगे लेकिन अब तक तो कुछ नहीं हुआ है. हमें एकदम बेसहारा छोड़ दिया गया है. कृपया समझिए कि हम वापस भारत जाना चाहते हैं. इसलिए, जब तक हम नहीं जा पा रहे हैं तब तक कोई मदद की जा सकती है."
सिर्फ छात्र नहीं, ऑस्ट्रेलिया में हजारों की संख्या में भारतीय पर्यटक भी फंसे हुए हैं. ये लोग होटलों और अपार्टमेंट्स में रह रहे हैं. इनमें से बहुत से तो अपने वीसा को आगे बढ़ाने के लिए भी जूझ रहे हैं.

ऐसे लोगों के लिए मंत्री ऐलन टज ने कहा कि वीसा बढ़वाने के लिए लोगों को फौरन इमिग्रेशन विभाग से संपर्क करना चाहिए.

"हमें पता है कि लोगों का वीसा कब खत्म होगा. और जिन लोगों को लगता है कि वे लौट नहीं पाएंगे उन्हें फौरन विभाग से संपर्क करना चाहिए."
Social distancing signage is seen at the entrance of the Sydney Fish Market in Sydney, 10 April 10 2020.
Source: AAP
ऐसी ही एक पर्यटक प्रीति रामाशेट्टी हैं जो सिडनी के एक होटल में करीब एक महीने से रह रही हैं.

अपने पति और 13 वर्षीय बेटी के साथ ऑस्ट्रेलिया घूमने आईं 40 वर्षीय प्रीति कहती हैं कि वीसा से ज्यादा बड़ी समस्या धन की है.
"घर लौटने के लिए हम कुछ भी करने को तैयार हैं. हम एक छोटे से कमरे के लिए 130 डॉलर रोजाना दे रहे हैं. अगर और कुछ दिन ऐसे ही रहना पड़ा तो हमें रोज के खर्चों के लिए भी मदद मांगनी पड़ेगी. इसलिए कोई भारत सरकार से संपर्क करे और हम जैसे लोगों के लिए राहत-उड़ान का प्रबंध कराए."

मंत्री ऐलन टज हालांकि असमर्थता ही जता पाए हैं. उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से इस वक्त हमारी सीमाएं बंद हैं. और यह बंदी एक जरूरी वजह से है क्योंकि कोरोनावायरस के ज्यादातर मामले उन लोगों में मिले हैं जो विदेशों से लौटे हैं."
ऑस्ट्रेलिया में लोगो को एक-दूसरे से कम से कम 1.5 मीटर का फासला रखने की सलाह दी जा रही है. साथ ही केवल दो लोगों को ही एक साथ रहने की इजाज़त है बशर्ते कि वो अपने परिवार या घर वालों के साथ नहीं हैं. 

अगर आपको लगता है कि आप वायरस के संपर्क में आए हैं तो अपने डॉक्टर को कॉल करें, लेकिन उनके पास जाएं नहीं. या फिर राष्ट्रीय कोरोना वायरस स्वास्थ्य सूचना हॉटलाइन को 1800 020 080 पर संपर्क करें. 

अगर आपको सांस लेने में परेशानी हो रही है या आप कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी महसूस कर रहे हैं तो 000 पर कॉल करें. 


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Published

By Avneet Arora

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