स्किल्ड माइग्रेशन के मामले में टर्नबुल सरकार ने नई सोच अपनाने का फैसला किया है. इसका मूल मंत्र होगा, ऑस्ट्रेलियन्स फर्स्ट. इसके तहत टेंपररी स्किल्ड माइग्रेंट्स के लिए विवादित 457 वीसा प्रोग्राम को खत्म कर दिया जाएगा.
इस वीसा की जगह अब एक नया टेंपररी वीसा आएगा. नये वीसा प्रोग्राम को सबसे अच्छे लोगों को नौकरी देने के हिसाब डिजायन किया जाएगा. इसके लिए इंग्लिश का और मुश्किल टेस्ट होगा और एक्टिविटी रिक्वॉयरमेंट भी और सख्त होंगी.
प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल ने फेसबुक पर इस बारे में लिखा है, "हम एक इमिग्रेशन नेशन हैं. लेकिन तब भी इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि ऑस्ट्रेलिया के कामगारों का ऑस्ट्रेलिया की नौकरियों पर पहला हक है."
एबीसी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि सरकार का यह कदम उसी सिलसिले की अगली कड़ी है जिसके तहत इमिग्रेशन मंत्री पीटर डटन ने पिछले महीने कहा था कि फास्ट फूड चेन्स के लिए 457 स्किल्ड वर्क वीसा को खत्म किया जाएगा. एबीसी के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में 457 वीसा धारकों की संख्या में कमी आई है. ज्यादातर वीसा धारक भारत से हैं, जो कुल वीसा धारकों का 25 फीसदी है. इसके बाद ब्रिटेन (19.5%) और चीन (5.8%) का नंबर है.
विपक्ष के नेता बिल शॉर्टन ने मैलकम टर्नबुल के इस ऐलान के कुछ ही देर बाद ट्वीट कर कहा कि टर्नबुल अगर किसी की नौकरी की परवाह करते हैं तो वह सिर्फ उनकी अपनी नौकरी है. शॉर्टन की पार्टी स्किल्ड माइग्रेशन के लिए सख्त नियमों की मांग करती रही है.