सेटलमेंट गाइड:प्रवासी,नैशनल रीकॉनसिलिएशन वीक का हिस्सा कैसे बनें

नैशनल रीकॉनसिलिएशन वीक सभी ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए हमारे साझा इतिहास, संस्कृतियों और उपलब्धियों के बारे में जानने के साथ-साथ आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर लोगों के साथ बेहतर संबंध बनाने का मौका होता है।

An artist at an art installation in Aboriginal colours.

The theme of National Reconciliation Week 2021 is More than a word. Reconciliation takes action. Source: WILLIAM WEST/AFP via Getty Images

नैशनल रीकॉनसिलिएशन वीक क्या है ?

27 मई 1967 को जनमत संग्रह किया गया जिसमें ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने भारी मतदान के साथ संविधान में संशोधन किया, जिसके बाद राष्ट्रमंडल में आदिवासी लोगों के लिए कानून बनाने और उन्हें जनगणना में शामिल करने की अनुमति मिली।

यह 3 जून 1992 को आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर लोगों को पारंपरिक जमींदारों के रूप में मान्यता देते हुए उच्च न्यायालय में माबो के फैसले की भी याद दिलाता है।


 

मुख्य बातें :

  • नैशनल रीकॉनसिलिएशन वीक 2021 का विषय है 'More than a word. Reconciliation takes action.'
  • FECCA प्रवासियों से नैशनल रीकॉनसिलिएशन वीक में शामिल होने का आह्वान कर रहा है।
  • इस साल रीकॉनसिलिएशन ऑस्ट्रेलिया को 20 साल भी पूरे हो रहे हैं।

 

इस साल नैशनल रीकॉनसिलिएशन वीक का विषय 'More than a word. Reconciliation takes action.' है। इसी के साथ रीकॉनसिलिएशन ऑस्ट्रेलिया को इस साल 20 साल भी पूरे हो रहे हैं।

रीकॉनसिलिएशन ऑस्ट्रेलिया के सीईओ करेन मुंडाइन, उत्तरी एनएसडब्ल्यू की एक बुंदजालुंग महिला हैं, उनका कहना है कि रीकॉनसिलिएशन हर किसी की ज़िम्मेदारी है, और इसमें सभी को सक्रिय रहना चाहिए।
जहाँ तक नैशनल रीकॉनसिलिएशन वीक की बात है, तो यह हम सभी के लिए उन रिश्तों के बारे में सोचने, उन पर स्पॉटलाइट डालने, नई बातचीत खोलने और हमारे सभी समुदायों को घटनाओं में शामिल होने या इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने का अवसर है
Reconciliation Australia
This year marks 20 years of Reconciliation Australia - the national body for reconciliation. Source: Reconciliation Australia
प्रवासियों के लिए रीकॉनसिलिएशन

ऑस्ट्रेलिया में बहुसांस्कृतिक समुदायों के लिए सर्वोच्च निकाय - फेडरेशन ऑफ एथनिक कम्युनिटीज काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के सीईओ मोहम्मद अल-खफाजी सभी प्रवासियों से रीकॉनसिलिएशन प्रक्रिया में शामिल होने का आह्वान करते हैं।

"यह हमारा कर्तव्य और दायित्व है कि हम इतिहास को जानें, यह समझने के लिए कि उन समुदायों पर क्या गुज़री, हमारे और उनके अनिभव एक जैसे हैं, वह कहते हैं।

हम दोनों नस्लवाद और अन्याय का सामना कर रहे हैं और हम दोनों ही इस देश में समानता चाहते हैं।

सभी प्रवासी नैशनल रीकॉनसिलिएशन वीक के महत्व को नहीं जानते। बहुत से प्रवासी यह नहीं जानते हैं कि आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर लोगों से संस्कृति और इतिहास के बारे में बातचीत कैसे करें, वह यह भी नहीं जानते कि उन्हें इसकी पहल करनी भी चाहिए।

एंगेजमेंट गाइड

पिछले साल, FECCA ने प्रवासियों के लिए ऐनकरेजिंग एंगेजमेंट नाम की एक गाइड प्रकाशित कि।

मोहम्मद अल-खफाजी का कहना है किइस गाइड से नैशनल रीकॉनसिलिएशन वीक के दौरान और उसके बाद बातचीत के लिए रास्ते खुलते हैं।

वैसे यहाँ कोई सही या गलत तरीका नहीं है - अच्छे विश्वास से प्रयास करना,एक-दूसरे की संस्कृतियों और इतिहास के बारे में जानने की कोशिश करना ज़रूरी है।

एंगेजमेंट गाइड में दिए गए कुछ सुझाव :

  • एक रीकॉनसिलिएशन योजना विकसित करें
  • नैशनल रीकॉनसिलिएशन वीक के साथ जुड़ें
  • NAIDOC सप्ताह मनाएं
  • समारोहों और कार्यक्रमों में स्थानीय स्वदेशी बुजुर्गों को आमंत्रित करें
  • सांस्कृतिक रूप से सक्षम कार्यस्थल के लिए प्रयास करें 
FECCA की उत्साहवर्धक सहभागिता मार्गदर्शिका यहाँ उपलब्ध है here.

अधिक प्रभावशाली कार्य

नैशनल रीकॉनसिलिएशन वीक के साथ जुड़ना आपके सोशल मीडिया और ईमेल ग्राफिक्स को अपडेट करने, स्थानीय गतिविधियों के लिए रीकॉनसिलिएशन ऑस्ट्रेलिया वेबसाइट पर जाने या एसबीएस द्वारा पेश किए जाने वाले संसाधनों, जैसे फिल्मों या पॉडकास्ट तक पहुंचने जितना आसान हो सकता है।
रीकॉनसिलिएशन ऑस्ट्रेलिया की करेन मुंडाइन ने इस साल की थीम, 'More than a word. Reconciliation takes action.' में सभी ऑस्ट्रेलियाई लोगों से साहसी और अधिक प्रभावशाली कार्रवाई करने का आह्वान करती है।

"यदि आप पहली बार किसी नैशनल रीकॉनसिलिएशन वीक में जा रहे हैं, तो यह एक साहसी कदम है। यदि आप इसे हर साल करते हैं, तो शायद यह आपके लिए इस साल कुछ होस्ट करने का समय है," वह कहती हैं।

आप रीकॉनसिलिएशन ऑस्ट्रेलिया की वेबसाइट: www.reconciliation.org.au पर नैशनल रीकॉनसिलिएशन वीक के संसाधन और ग्राफिक्स पा सकते हैं।

Share

Published

By Melissa Compagnoni

Share this with family and friends


Download our apps
SBS Audio
SBS On Demand

Listen to our podcasts
Independent news and stories connecting you to life in Australia and Hindi-speaking Australians.
Ease into the English language and Australian culture. We make learning English convenient, fun and practical.
Get the latest with our exclusive in-language podcasts on your favourite podcast apps.

Watch on SBS
SBS Hindi News

SBS Hindi News

Watch it onDemand