नागरिकता चाहने वालों के लिए अचानक सब बदल गया

20 अप्रैल का दिन उन हजारों लोगों के लिए हैरतअंगेज था जो ऑस्ट्रेलिया को अपना घर बनाने के लिए, अपना देश बनाने के लिए उम्मीद लगाए बैठे थे. केंद्र सरकार के एक ऐलान ने उनके लिए सब कुछ बदल दिया था.

An Australian citizenship recipient holds his certificate during a citizenship ceremony on Australia Day in Brisbane, Thursday, Jan. 26, 2017. (AAP Image/Dan Peled) NO ARCHIVING

An Australian citizenship recipient holds his certificate during a citizenship ceremony on Australia Day in Brisbane, Thursday, Jan. 26. Source: AAP

उस रोज प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल ने ऐलान किया कि एक योजना पर कुछ महीनों से काम चल रहा है. ऐसी योजना जिसके तहत अपराधियों और आतंकवादियों से सहानुभूति रखने वाले लोगों को ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता पाने से रोका जा सके. और जो आ रहे हैं उनके लिए रोजगार और समाज में समेकन के बेहतर मौके पैदा किए जा सकें.

टर्नबुल ने उस दिन कहा, "हम नागरिकता को मजबूत बनाने के लिए कुछ बदलावों का ऐलान कर रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता का सम्मान होना चाहिए. यह एक विशेषाधिकार है."

और फिर जिन बदलावों के प्रस्ताव सामने आए उन्होंने सबको हैरान कर दिया. नागरिकता की अर्जी देने से पहले इंतजार एक साल से बढ़ाकर चार साल. अंग्रेजी की मुश्किल परीक्षा. परीक्षा में ऑस्ट्रेलियन मूल्यों पर सवाल-जवाब. घरेलू हिंसा और बाल विवाह जैसे मुद्दों पर राय.

इन बदलावों पर विचार कर रही सेनेट इंक्वॉयरी ने अंग्रेजी की परीक्षा का स्तर घटाने की सिफारिश की है. और यह भी कहा है कि जो लोग इस ऐलान से पहले ही स्थायी नागरिक हैं, उन पर चार साल इंतजार का नियम लागू ना हो.

नागरिकता को लेकर नए बदलावों पर लेबर पार्टी पूरी तरह सहमत नहीं है. पार्टी के इमिग्रेशन मामलों के प्रवक्ता टोनी बर्क तो बहुत खुलकर अपनी बात कहते रहे हैं. लेकिन इमिग्रेशन मिनिस्टर पीटर डटन भी अपने रुख पर डटे हुए हैं. वह कहते हैं, "जब आप ऑस्ट्रेलिया आने का फैसला करते हैं तो आप यहां के कानूनों के पालन का भी फैसला करके आते हैं."

अब सरकार अपने बदलावों के प्रस्तावों को लागू करवाने के लिए मोलभाव कर रही है. हो सकता है अक्टूबर में आखिरी फैसला हो जाए.


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