भारत में एक एग्जाम देने पहुंचीं छात्राओं से उनकी ब्रा उतारने को कहा गया. एक स्टूडेंट ने मीडिया को बताया कि स्कूल अधिकारियों ने उसे सबके सामने ब्रा उतारने को कहा. छात्रा के मुताबिक स्कूल अधिकारियों को नकल सामग्री का संदेह था.
मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में नकल को लेकर काफी सतर्कता बरती जा रही है. इस कारण खास ड्रेस कोड भी जारी किये जाते हैं. लेकिन रविवार को हुए एग्जाम के लिए जारी ड्रेस कोड में जिन चीजों को एग्जाम सेंटर में लाना प्रतिबंधित था, उनमें ब्रा का जिक्र नहीं था. इस कोड में जिन चीजों का जिक्र था उनमें गहरे रंग के कपड़े, लंबी बाहें, ब्रोच, बैज, बंद जूते और जुराब शामिल थीं.
जिस स्टूडेंट ने शिकायत की है, उसकी पहचान जाहिर नहीं की गई है. इस स्टूडेंट भारतीय मीडिया को बताया कि केरल में जब वह अपने सेंटर में एग्जाम देनें पहुंचीं जो सिक्यॉरिटी जांच के दौरान मेटल डिटेक्टर से आवाज आने लगी.
छात्रा ने एनडीटीवी को बताया, "उस वक्त उन्होंने मुझसे कहा कि अपने अंतरंग वस्त्र उतारे बिना मैं एग्जाम सेंटर में नहीं जा सकती क्योंकि ब्रा के हुक धातु के बने हैं. तब मैंने वहीं अपनी ब्रा उतारी और अपनी मां को दे दी, जो उस वक्त बाहर ही इंतजार कर रही थीं."
टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि लड़की ने बताया कि इस घटना ने उसके आत्मविश्वास एकदम खत्म कर दिया क्योंकि उसे सबके सामने ब्रा उतारने को कहा गया था.
एक अन्य स्टूडेंट के अभिभावक ने बताया कि उसकी जीन्स का बटन धातु का बना था इसलिए उसे बटन हटाने को कहा गया.
जिस स्कूल में यह घटना हुई, उसके प्रिंसिपल ने किसी स्टूडेंट के ब्रा उतरवाने की घटना की उन्होंने कोई जानकारी नहीं है लेकिन उन्होंने माना कि उनका स्कूल नकल के खिलाफ पूरी सख्ती बरत रहा था.
जलालुद्दीन के ने एनडीटीवी को बताया, "हमें स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर मेटल डिटेक्टर से कुछ भी आवाज आए तो अंदर जाने की इजाजत ना दी जाए. तो जब भी आवाज आई, हमने स्टूडेंट्स को चीजें निकालने को कहा."
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