रॉयल लाइफ़ सेविंग की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में साल 2018 में 249 लोगों की डूबने से मौत हो गयी थी. और करीब 551 लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. इनमें कई लोगों को डूबने के कारण होने वाले प्रभावों को ताउम्र भुगतना पड़ सकता है. हांलांकि अच्छी बात ये कि पिछले 15 सालों के मुकाबले साल 2018 के आंकड़े डूब कर मरने वालों का तादाद में कुछ सुधार दिखा रहे हैं. लेकिन डूबने से होने वाली एक भी मौत न केवल उस परिवार और समाज के लिए पीड़ादायक होती हैं बल्कि हमारी सुरक्षा और सजगता पर भी सवाल खड़ा करती है. एक रिपोर्ट ये भी कहती है कि पिछले सालों में ऑस्ट्रेलिया में डूबकर मरने वालों में 11.1 फीसदी लोग भारतीय मूल के हैं, जो कि चीन और दक्षिण कोरिया के बाद तीसरे नंबर पर हैं.
डूबने की कई वजहें हो सकती हैं रिपोर्ट बताती है कि अच्छा तैराक ना होना और नशे में तैराकी करना दो बड़ी वजहें हैं लेकिन डूबने से होने वाली मौतों के पीछे एक और बड़ी वजह है और वो है बचाव के तरीकों की जानकारी ना होना. इनमें सबसे महत्वपूर्ण है सीपीआर. सीपीआर की जानकारी और ट्रेनिंग के बारे में हमने बात की ऑस्ट्रेलियन रेड क्रॉस सोसाइटी की सीनियर फर्स्ट एड ट्रेनर जैनी मैककुलाह से.
जेनी ने बताया कि लोग ये तो मानते हैं कि सीपीआर को सभी के लिए अनिवार्य बनाया जाना चाहिए लेकिन फिर भी खुद से सीपीआर सीखने के लिए आगे नहीं आ रहे. एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए वो बताती हैं कि इसके पीछे लोग जो कारण बता रहे हैं उनमें समय और पैसों की कमी. जेनी कहती हैं कि कुछ लोग ये सोचकर भी इस तरह के प्रशिक्षण के लिए आगे नहीं आते कि उनके साथ ऐसी घटना नहीं हो सकती.
जिन लोगों के घर में पूल हैं उनके लिए जैनी का संदेश है कि उन्हें हमेशा अपने पूल एरिया को सुरक्षित बनाना चाहिए साथ ही वो सीपीआर की मुफ्त ऑनलाइन ट्रेनिंग भी कर सकते हैं. और इसके लिए उन्हें सिर्फ 3 घंटे का समय देना होगा. ज्यादा जानकारी के लिए लोग www.aprilpoolsday.com.au पर भी जा सकते हैं.
हांलांकि ऑन लाइन ट्रेनिंग के बाद प्रैक्टिकल टैस्ट देकर फुल सीपीआर एक्रिडिटेशन लिया जा सकता है.