ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने ऐलान किया है कि नागरिकता की प्रक्रिया को और ज्यादा सख्त बनाया जाएगा. सिटिजनशिप टेस्ट में जो नई चीजें जोड़ी जा रही हैं उनमें घरेलू हिंसा, खतना और बाल विवाह जैसे मुद्दों पर सवाल पूछे जाएंगे.
कैनबरा में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल और इमिग्रेशन मंत्री पीटर डटन ने नए नियम जारी करने का ऐलान किया.
जो नये कदम उठाए जा रहे हैं उनमें अंग्रेजी का ज्ञान सबसे अहम है. प्रधानमंत्री टर्नबुल ने कहा, "आपको अंग्रेजी में दक्ष होना होगा. अभी यह जरूरी नहीं है लेकिन अब यह अहम जरूरत होगी."
टर्नबुल ने कहा कि समाज का हिस्सा बनने के लिए लोगों का अंग्रेजी जानना बहुत जरूरी है और यह आर्थिक, सामाजिक हर तरह की सफलता के लिए जरूरी है. टर्नबुल ने कहा कि नये कदम ऑस्ट्रेलिया को मजबूत बनाने के लिए उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम मल्टिकल्चरल सोसाइटी को मजबूत कर रहे हैं और ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों के लिए प्रतिबद्धता को भी."
टर्नबुल ने बताया कि अब सिटिजनशिप के लिए अप्लाई करने से पहले चार साल तक पर्मानेंट रेजिडेंट के तौर पर रहना होगा. पहले यह सीमा 12 महीने की थी. और अब नागरिकता टेस्ट तीन बार ही दिया जा सकेगा. अब तक इसकी कोई सीमा नहीं थी.
इमिग्रेशन मंत्री पीटर डटन ने कहा कि नियमों को सख्त बनाने का मकसद किसी खास धर्म को निशाना बनाना नहीं है. सेवन नेटवर्क से उन्होंने कहा, "यह सख्ती ऐसे लोगों के प्रति है, जो सोचते हैं घरेलू हिंसा सामान्य है. यह सामान्य नहीं है."
सिटिजनशिप के लिए जो सुधार किये जा रहे हैं, उनके मुताबिक अबः
1. अब एप्लिकेंट्स को इस बात के सबूत देने होंगे कि वे समाज में इंटिग्रेट होने के लिए कदम उठा रहे हैं. जैसे कि इंप्लॉयमेंट प्रूफ, कम्यूनिटी ऑर्गनाइजेशन की सदस्यता, बच्चों का स्कूल वगैरह)
2. सिटिजनशिप टेस्ट में 'नए और ज्यादा अर्थपूर्ण' सवाल पूछे जाएंगे जिनसे यह जांचा जा सकते कि एप्लिकेंट ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों और जिम्मेदारियों को कितना समझता है.
3. सिटिजनशिप टेस्ट में नकल करने वाला एप्लिकेंट फेल हो जाएगा.
दो दिन पहले ही सरकार ने वीसा 457 कार्यक्रम को खत्म करने ऐलान किया था.