हाल ही में हुई एक रिसर्च में पता चला है कि रात में उठकर पेशाब जाने का कारण खाने में नमक की मात्रा है. न्यूजीलैंड हेरल्ड में छपी एक रिपोर्ट बताती है कि सोने से पहले पानी, चाय या कॉफी पीने का रात में पेशाब जाने से कोई लेना देना नहीं है.
रात के वक्त बार-बार पेशाब जाने की स्थिति को मेडिकल साइंस की भाषा में नॉक्टरिया कहा जाता है. आमतौर पर यह 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को होती है. इस कारण लोगों की दिनचर्या काफी प्रभावित होती है और कई लोग तो इससे बीमार हो जाने की हद तक परेशान रहते हैं.
न्यूजीलैंड हेरल्ड की रिपोर्ट बताती है कि जापान के वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि अगर खाने में नमक की मात्रा कम कर दी जाए तो रात में बार-बार पेशाब की परेशानी से छुटकारा मिल सकता है. न्यूजीलैंड हेरल्ड के मुताबिक नागासाकी यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मातसुओ तोमोहीरो ने कहा, "आमतौर पर शोध इसी ओर केंद्रित रहते हैं कि मरीजों का पानी कम कर दिया जाए. नमक की मात्रा की ओर ध्या नहीं जाता. हमारे पास अब एक ऐसी रिसर्च है जो दिखाती है कि कैसे सभी प्रभावों पर काम करके इन लक्षणों को बेहतर किया जा सकता है."
इस रिसर्च में 300 से ज्यादा पुरुष और स्त्रियों पर अध्ययन किया गया. जब इन लोगों के खाने में नमक की मात्रा को 10.7 ग्राम घटाकर 8 ग्राम तक लाया गया तो जो लोग रात को 2.3 बार पेशाब के लिए उठते थे वे 1.4 बार पर आ गए. जिन मरीजों के खाने में नमक की मात्रा बढ़ाकर 11 ग्राम कर दी गई, उन्हें पहले से ज्यादा बार बाथरूम जाना पड़ा. रिसर्चर ने पाया कि नमक की मात्रा कम करने से दिन में भी पेशाब की जरूरत कम हो गई.
यह रिसर्च पिछले हफ्ते लंदन में यूरोपीयन सोसाइटी ऑफ यूरोलॉजी कांग्रेस में पेश की गई.