इस डॉक्टर ने 23 साल के एक मरीज की टीबी को फेफड़े का कैंसर समझ लिया. इस कारण मरीज का इलाज नहीं हुआ और उससे 10 अन्य लोगों को टीबी का संक्रमण हो गया.
युवक को टीबी हुई थी लेकिन डॉक्टर फेफड़े के कैंसर का इलाज करता रहा. तीन महीने तक टीबी का ना तो कोई इलाज हुआ ना सावधानियां बरती गईं.
एनएसडब्ल्यू हेल्थ के कम्यूनिकेबल डिजीज के डायरेक्टर विकी शेपीयर्ड ने बताया कि अभी डॉक्टर के खिलाफ कोई जांच नहीं हो रही है क्योंकि कोई औपचारिक शिकायत नहीं आई है.
टीबी ऐसा रोग है जिसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर सूचित करना होता है. अगर इसका सही वक्त पर सही इलाज न किया जाए तो यह बेहद खतरनाक हो सकती है. फिलहाल सभी 11 मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है.