विक्टोरिया में टेंपररी वीसाधारकों को 1500 डॉलर का 'महामारी भुगतान'

टेंपररी वीसाधारकों के लिए महामारी के दौरान छुट्टी के समय का भुगतान एक ऐसा कदम है जिसका स्वागत हो रहा है, लेकिन कुछ चिंताएं भी हैं.

Thushanthan Kuganeshwaren tested positive for coronavirus but had no sick leave to draw on as a casual employee.

Thushanthan Kuganeshwaren tested positive for coronavirus but had no sick leave to draw on as a casual employee. Source: Supplied

तमिल शरणार्थी तुषानाथन कुगनेश्वरन जब कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए तो उनके लिए सब कुछ बदल गया.


मुख्य बातेंः

  • केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस के कारण एकांतवास में रहने को मजबूर टेंपररी वीसाधारकों को 1500 डॉलर प्रति पखवाड़े देने का फैसला किया है.
  • यह भुगतान जॉबकीपर या जॉबसीकर ना पा रहे लोगों को ही दिया जाएगा.
 

29 साल के कुगनेश्वरन मेलबर्न के एक रीसाइकलिंग प्लांट में कैजुअल वर्कर हैं. जब उन्हें कोविड-19 हुआ तो उन्हें फौरन एकांतवास में जाना पड़ा और वह भी बिना तन्ख्वाह.

उनके लिए यह परेशानी की बात थी क्योंकि कोई मदद उपलब्ध नहीं थी.

वह बताते हैं, “कोरोनावायरस के लक्षण होना बहुत कठिनाई की बात है. अपने घर में अकेला रहना. बहुत अकेला लगता है. और मानसिक तनाव भी होता है.”

कुगनेश्वरन जैसे विक्टोरिया के वे लोग जिनके पास बीमारी की छुट्टियों का प्रावधान नहीं है, पॉजिटिव पाए जाने पर आर्थिक समस्याओं से घिर जाते हैं. इसलिए केंद्र सरकार ने ऐसे लोगों को 1500 डॉलर प्रति पखवाड़े देने का ऐलान किया है.
यह जॉबकीपर और जॉबसीकर से अलग है क्योंकि यह टेंपररी वीसाधारकों को महामारी की छुट्टियों के दौरान मिलने वाला भुगतान है.

इस योजना में अस्थायी वीसाधारकों को शामिल करने का स्वागत किया गया है लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह काफी नहीं है.
Soft toys used as a social distancing measure are seen in a cafe offering take-away in Melbourne, Tuesday, August 4, 2020.
Soft toys used as a social distancing measure are seen in a cafe offering take-away in Melbourne, Tuesday, August 4, 2020. Source: AAP Image/James Ross
असाइलम सीकर रिसॉर्स सेंटर के सीईओ कोन कारंपैजियोटिडिस कहते हैं, “यह सही दिशा में उठाया गया कदम है लेकिन काफी कतई नहीं है. जो प्रधानमंत्री दे रहे हैं वह एक शॉर्ट टर्म बैंड-एड जैसा है. यह उन कारणों के बारे में कुछ नहीं करता, जिनके कारण ये दिक्कतें हो रही हैं.”

ऐसा समझा जाता है कि विक्टोरिया में मई के मध्य से जितने भी संक्रमण हुए हैं उनमें से करीब 80 फीसदी काम की जगहों पर कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के कारण हुए हैं.
विक्टोरिया की सरकार एकांतवास में रहने को मजबूर लोगों को पहले ही 300 डॉलर दे रही है. जो पॉजिटिव पाए जाते हैं उन्हें 1500 डॉलर अतिरिक्त मिलते हैं.

महामारी के कारण केंद्र सरकार जो भुगतान करेगी उसे केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर वहन करेंगी.

यह भुगतान उन्हीं लोगों को मिलेगा जो काम से छुट्टी पर भेजे गए हैं और जॉबकीपर या जॉबसीकर पेमेंट नहीं ले रहे थे.
Coronavirus inspired art is seen attached to a tree near Albert Park in Melbourne, Wednesday, August 5, 2020.
Coronavirus inspired art is seen attached to a tree near Albert Park in Melbourne, Wednesday, August 5, 2020. Source: AAP Image/James Ross
कुगनेश्वरन कहते हैं कि उन्हें अभी तक विक्टोरिया सरकार के 300 डॉलर ही मिले हैं. हालांकि उन्हें इस बात का अफसोस नहीं है कि उन्होंने अपनी जांच कराई.

वह कहते हैं, 'मुझे लगता है कि हर किसी को जांच करानी चाहिए, फिर पैसे मिलें या नहीं. यह जिंदगी का सवाल है.'

केंद्र सरकार ने कहा है कि महामारी के दौरान छुट्टियों का भुगतान तब तक होता रहेगा जब तक इसकी जरूरत होगी. यदि किसी को एक से ज्यादा बार एकांतवास में जाना पड़ता है तो उनके लिए यह भुगतान उपलब्ध रहेगा.


 

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By Tom Stayner

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