वोडाफोन ने कहा कि टेलस्ट्रा ने अपने नेटवर्क कवरेज को "dramatically" यानी बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ा कर, लगभग 40 प्रतिशत से ज़्यादा बताया है। टेलीकॉम कंपनी का कहना है कि टेल्स्ट्रा का यह दावा गलत है जो पिछले दस सालों से जारी था।
वोडाफोन और उसकी मूल कंपनी टीपीजी (TPG) का कहना है कि टेलस्ट्रा ने अपने नेटवर्क कवरेज के दावे ऐसे सिग्नल पर आधारित किए, जो उपभोक्ताओं को तभी मिल सकते हैं जब वे विशेष उपकरणों—जैसे बाहरी एंटीना और पावर युक्त रिपीटर—का इस्तेमाल करें।
टीपीजी ग्रुप की अधिकारी कीरन कूनी ने इन आरोपों को "चिंताजनक" बताया और कहा कि इससे उनकी कंपनी को ग्राहक खोने पड़े होंगे।
उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि टेलस्ट्रा ने ऑस्ट्रेलियाई लोगों को बेवकूफ बनाया है ताकि वे उस कवरेज के लिए अधिक पैसे दें जो वे एक सामान्य मोबाइल फोन से प्राप्त नहीं कर सकते।"
"हम उनसे इसे सही करने का आग्रह कर रहे हैं ... टेलस्ट्रा का यह व्यवहार उपभोक्ताओं को यह सोचने पर मजबूर कर सकता है कि वे ऐसे स्थानों पर कवरेज पा सकते हैं जहां विशेष उपकरणों की जरूरत होती है।"
टीपीजी का कहना है कि टेलस्ट्रा ने एंटीना और रिपीटर जैसे विशेष उपकरणों के आधार पर अपनी मोबाइल नेटवर्क कवरेज को करीब दस लाख वर्ग किलोमीटर तक बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया।
कंपनी ने यह भी कहा कि टेलस्ट्रा का 99.7 प्रतिशत कवरेज का दावा भी इन्हीं उपकरणों पर निर्भर था।
हाल ही में टेलस्ट्रा ने अपने कवरेज दावों को अपडेट करते हुए यह कहा कि 99.7 प्रतिशत कवरेज बाहरी एंटीना के उपयोग पर निर्भर है।
टेलस्ट्रा से टिप्पणी के लिए संपर्क किया गया है।
टीपीजी ने टेलस्ट्रा के खिलाफ कंज्यूमर वॉचडॉग को शिकायत दर्ज कराई है, जांच की मांग की है और इसे रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई की धमकी भी दी है, साथ ही संभावित मुआवज़े की मांग की है।
ऑस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता आयोग (Australian Competition and Consumer Commission) ने कहा है कि वह इन दावों पर विचार कर रहा है, लेकिन टेलस्ट्रा के खिलाफ जांच की पुष्टि नहीं की है।
एक कंस्यूमर ग्रुप का कहना है कि रीजनल और रिमोट इलाकों में रहने वाले ऑस्ट्रेलियाई लोग टेलस्ट्रा की सेवाओं के लिए अतिरिक्त भुगतान करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि विश्वसनीय कवरेज के लिए यही एकमात्र विकल्प है।
ऑस्ट्रेलियन कम्युनिकेशंस कंज्यूमर एक्शन नेटवर्क की प्रमुख कैरोल बेनेट ने कहा, "अगर यह आरोप सही है — और कवरेज का लाभ उतना बड़ा नहीं है जितना लोगों को बताया गया है — तो ग्रामीण उपभोक्ताओं को धोखा महसूस करना स्वाभाविक होगा।"
"जब उपभोक्ताओं को गुमराह किया जाता है, तो बाजार विकृत हो जाते हैं और विश्वास कम हो जाता है।"
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