National Institute of Labour Studies के शोध से पता चला है की २००८ से २०१४ के बीच स्नातकोत्तर के बाद बड़ी संख्या में छात्र काम पाने में असफल रहे.
इसके साथ ही नौकरी पाने की दर ५६ प्रतिशत से घट कर ४१ प्रतिशत पर आ गिरी!
इन आंकड़ों से विशेषग्यों का मानना है की ऑस्ट्रेलिया में स्नातकत्रों के लिये अपने क्षेत्र में नौकरी पाना और भी मुश्किल हो जाएगा.
तो क्या यह सही समय है अपनी डिग्री और उससे मिलने वाले प्रतिलाभ के बारे में सोचने का?
इस विषय पर अधिक विस्तार से जानने के लिये सुनिये अमित सरवाल की UNSW- कैनबेरा स्तिथ नीति विशेषज्ञ उस्मान चौहान के साथ ख़ास बातचीत.

Usman Chohan Source: Usman Chohan