बलुआ पत्थर से गढ़ा यह किला भारत के सबसे महान किलों में से एक है, और इसकी अद्भुत सुंदरता को देखते हुये मुगल बादशाह बाबर ने इसे "भारत के किलों के हार का मोती" कहा था।
कलाकारों ने बड़ी चट्टानों को न केवल तराशा, बल्कि उनमें सुंदर नक्काशी और चित्र भी उकेरे, जो उस समय के समाज और धर्म के विचारों को दर्शाते हैं।
किले की ये संरचनाएं भारतीय कला की गहराई और प्राचीनता को प्रदर्शित करती हैं।

Jain sculptures of Gwalior Fort Credit: Getty Images/Tuul & Bruno Morandi
मान्यता है कि इस किले की नींव राजपूत सरदार सूरज सेन ने रखी थी। कहा जाता है कि एक बार जंगल में शिकार के दौरान वह ग्वालप ऋषि से मिले जिनके आशीर्वाद से उनका चर्म रोग ठीक हो गया। अपने इस गुरु के प्रति आदर स्वरूप उन्होंने इस किले को बनवाया और इसे ग्वालियर कहा। समय के साथ विभिन्न शासकों ने इस किले में अनेक भवन जोड़े।

Mansingh Palace, Gwalior Fort, India. Credit: Getty Images/Tristan Savatier
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