अक्सर हमारी सुबह की शुरुवात चाय और अखबार के साथ होती है और विभिन्न विषयों पर जानकारी लेने के लिए हम कई तरह की मैगजींस भी पढ़ते हैं। लेकिन इन मैगजींस को पढ़ते हुए शायद ही हमने कभी सोचा हो कि हमारे समाज में बहुत सारे दृष्टिबाधित लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए पढ़ने के लिए बहुत सीमित विकल्प हैं।
मुख्य बातें :
- मुंबई की उपासना मकाती की एक अनोखी पहल।
- दृष्टिबाधित लोगों के लिए ब्रेल में प्रकाशित करती हैं लाइफस्टाइल मैगज़ीन।
- पिछले आठ साल से हर महीने प्रकाशित होती है वाइट-प्रिंट।

Source: Supplied by Upasna Makati
दृष्टिबाधित लोगों को मुख्य धारा में जोड़ने के इरादे से उन्होंने ब्रेल में एक लाइफस्टाइल मैगज़ीन की शुरुवात की। उपासना मानती हैं कि दृष्टिबाधित लोगो के लिए समाज में सहानुभूति ज़रूर है लेकिन उससे ज्यादा ज़रुरत उन्हें मुख्य धारा में शामिल करने की है।
आज उपासना की इस कोशिश को आठ साल हो गए हैं और यह मैगज़ीन भारत की पहली मैगज़ीन है जो ब्रेल में उपलब्ध है। लेकिन उसके बावजूद उनका सफर चुनौतियों रहा है।

Source: Supplied by Upasna Makati
इस अनूठी पहल के साथ वह इसे एक व्यवसाय की तरह भी देखती हैं। ऐसे में इस लाइफस्टाइल मैगज़ीन से पैसा कमाना कोई आसान बात नहीं है लेकिन उपासना हर मुश्किल का हल सूझबूझ से निकालतीं हैं और वाइट प्रिंट नाम की इस मैगज़ीन में विज्ञापन कुछ ऑडियो बाइट्स जोड़ कर बनाए जाते हैं।
उपासना मानती हैं की नेत्रहीन लोगों को अब सहानुभूति नहीं बल्कि बराबरी कि आवश्यकता है।
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