पाकिस्तान में किन्नरों के लिए अनूठी पहल

School for transgenders in Pakistan

One of the school's students attends its official launch. Source: Asif Shahzad

अपनी सामाजिक रचना और मान्यताओं को लेकर रुढ़िवादी माने जाने वाले पाकिस्तानी समाज में एक अनोखी पहल देखने को मिली है. ये पहल समाज के उस वर्ग के लिए जिसके हक-हुकूक की बात पाकिस्तान क्या भारत सहित दुनिया के कई और देशों में भी कभी नहीं सुनाई देती. यहां बात हो रही है किन्नर समुदाय यानी ट्रांसजेंडर्स की.


पाकिस्तान के किन्नर समुदाय के लिए ये अनोखी पहल एक स्कूल के रूप में सामने आई है और इस समुदाय के लिए इस सबसे खुशनुमा काम को अंजाम देने का काम किया है आसिफ शहज़ाद ने। पाकिस्तान में इस पहले ट्रांसजेंडर स्कूल का नाम है “द जेंडर गार्डियन”. आपको बता दें कि पूरे साउथ एशिया में ट्रांसजेंडर्स के लिए ये केवल दूसरा स्कूल है. पहला स्कूल भारत के केरल में है

कैसे हुई शुरूआत?

इस स्कूल को शुरू करने के खयाल के बारे में शहज़ाद ने एसबीएस हिन्दी को बताया कि जब वो किन्नरों को सड़कों पर भीख मांगते, शादियों में नाचते गाते या फिर सेक्सुअल एक्टिविटीज़ में लिप्त देखते थे तो उन्हें इनकी दशा पर दुख होता था। कुछ नज़दीक से देखने पर उन्हें लगा कि समाज के हाशिए में पड़े इन लोगों के बीच हुनर की कमी नहीं है। उन्हें लगा कि अगर इन्हें सही शिक्षा मिले और इनके हुनर को तराशा जाए तो ये भी पाकिस्तान की इकोनॉमी में अपना योगदान कर सकते हैं. ये ही नहीं शहज़ाद बताते हैं कि उनके दिलो दिमाग में ये भी खयाल था कि अगर वो ट्रांसजेंडर्स की तालीम के लिए स्कूल खोलते हैं तो ये एक तरह से पाकिस्तान की दुनिया में सॉफ्ट छवि बनाने में भी सहायक होगा.
Transgender school at Pakistan
Source: Asif Shahzad
 कैसा रहा लोगों का रिएक्शन?

शहज़ाद बताते हैं कि लोगों का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स उन्हें मिल रहा है। ये ही नहीं वो किन्नर समाज के लोगों में खुशी भी वो महसूस कर रहे हैं। शहज़ाद कहते हैं
“हम एजुकेशन के बाद उन्हें एन्चरप्रेन्योरशिप में मदद करेंगे, हम उन्हें फाइनेन्शियली मदद करगें ताकि वो स्किल बेस्ड ट्रेनिंग के बाद अपना बिज़नेस शुरू कर सकें. हम नहीं चाहते कि शिक्षा पूरी करने के बाद ये लोग भी नौकरियों के लिए सड़कों पर घूमें”
School for transgenders in Pakistan
One of the school's students attends its official launch. Source: Asif Shahzad
कैसी होगी शिक्षा?

लाहौर में शुरू हुए इस स्कूल में अब तक इस समुदाय के 30 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। यहां उन्हें नियमित शिक्षा के अलावा फैशन डिज़ाय़निंग, मेकअप, ग्राफिक डिज़ाइनिंग और इम्ब्रॉइडरी जैसी ट्रेनिंग भी दी जाएगी। और ये पूरी शिक्षा निःशुल्क दी जाएगी।

मदद का है इंतज़ार

शहज़ाद बताते हैं कि वो अभी शुरूआती फेज़ में हैं ऐसे में उन्हें किसी भी प्रकार की सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है. हां समाजिक कार्यों से जुड़े लोग ज़रूर उनकी मदद को आए हैं। शहज़ाद के मुताबिक हालांकि पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर्स के लिए पहचान पत्र बनने शुरू हुए हैं लेकिन अभी तक किसी भी तरह की आर्थिक मदद उन्हें नहीं मिलती है।

 


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