बात करने निकलो तो ऑस्ट्रेलिया में ज्यादातर लोग कहते हैं कि वे मृत्यु के बाद अंग दान करने के इच्छुक हैं. लेकिन ऐसा करते बहुत कम लोग हैं. जबकि ऐसा करना बहुत आसान है. ऑर्गन ऐंड टिशू अथॉरिटी की नेशनल मेडिकल डायरेक्टर डॉ. हेलेन ऑपडैम कहती हैं कि सबसे पहले तो आपको ऑस्ट्रेलियन डॉनर रजिस्टर में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. वह बताती है, “यह बहुत आसान है. आप ऑनलाइन कर सकते हैं. बस आप www.donatelife.gove.au पर जाएंगे तो आपको लिंक मिल जाएगा और मिनटों में काम हो जाएगा.”
और फिर एक काम करन और जरूरी है. अपने प्रियजनों को बताना कि आपने अंग दान करने का फैसला किया है. क्योंकि वही लोग इसे अंजाम दे पाएंगे.
लोग अक्सर समझते हैं कि अंग दान करना एक पेचीदा काम है. ऐसा है नहीं. ओपडैम बताती हैं, “इस वक्त हर तीसरा ऑस्ट्रेलियाई एक डोनर है. लेकिन हम चाहेंगे कि और ज्यादा लोग अंग दान करें. ज्यादातर लोग ऐसा इसलिए नहीं करते क्योंकि या तो उन्होंने इस बारे में सोचा नहीं है या फिर उनके पास वक्त नहीं है.”
और ये कुछ मिनट, जो आप अपने दिन के समय से निकालेंगे, सेमेमा जैसे लोगों की जिंदगी बदल सकते हैं.
सीमेमा जब किशोरी थीं तो उन्हें लूपस नाम की बीमारी हो गई थी. आज वह 31 साल की हैं. हफ्ते में पांच बार उन्हें डायलिसिस करना पड़ता है. अगर उन्हें एक किडनी मिल जाए तो उनकी जिंदगी बदल सकती है.
सीमिएमा समझती हैं कि अपनी जिंदगी के बाद की योजनाएं बनाना, अपने मौत के बाद की बातें सोचन आसान काम नहीं होता लेकिन वह कहती हैं कि ऐसा सोचने से आप लोग कितना अच्छा काम कर सकते हैं. वह कहती हैं, “यह जानना कि आप किसी और की जिंदगी बचा सकते हैं, अपनी जिंदगी को सर्वोत्तम रूप देना है. एक आदमी 10 लोगों तक की जिंदगी बचा सकता है और मरने के बाद भी अपनी विरासत छोड़ जा सकता है.”
वैसे आपको पता होना चाहिए कि किसी भी डॉक्टर की पहली कोशिश होती है कि मरीज की जिंदगी बचाई जा सके. जब यह निश्चित हो जात है कि किसी मरीज की जान बचाई नहीं जा सकती, तभी उसके अंग दान करने के विकल्प पर विचार किया जाता है.
और यह बड़ी बात है कि ऑस्ट्रेलिया उन देशों में है जहां सबसे ज्यादा अंग दान होते हैं.
डॉ. हेलेन बताती हैं कि यह पूरी प्रक्रिया नैतिक है और इसे बहुत सावधानी से तैयार किया गया है. वह कहती हैं, “अगर अंगदान पर सहमति बन जाती है तो बहुत कुशल सर्जन अंग निकालते हैं. अंग दान करने वाले को बहुत सम्मान दिया जाता है. और उसके शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचता. कोई काट-छांट नहीं होती.”
ऑस्ट्रेलिया में सारे प्रमुख धर्म अंग दान का समर्थन करते हैं.
इस प्रक्रिया का एक हिस्सा यह भी है कि अंग दान करने वाले के परिजनों को नहीं बताया जाता कि अंग किसे मिले. और अंग पाने वाले को भी नहीं पता चलता कि उसे किसके अंग लगाए गए हैं. लेकिन, अंग दान के लिए आभार व्यक्त करने के तरीके हैं. ओपडैम कहती हैं, “अंग पाने वाला व्यक्ति आभार व्यक्त करने के लिए पत्र भेज सकता है. डोनेशन एजेंसी के जरिये यह पत्र भेजा जा सकता है.”
30 जुलाई से डोनेट लाइफ वीक मनाया जा रहा है. आप इसका फायदा उठा सकते हैं और अपने परिजनों से बात करके यह काम इसी हफ्ते में कर सकते हैं.
अगर आप अंग दान करने के लिए रजिस्टर कराना चाहते हैं तो www.donatelife.com.au पर जा सकते हैं. यहां आपको और ज्यादा जानकारी भी मिल जाएगी.