गार्गी गांगुली 1999 में नौकरी के लिए डब्बो आई थीं। उन्होंने सोचा था कि वह यहाँ लंबे समय तक नहीं रहेगी।
"मैंने खुद से सोचा, हाँ, कि यह एक नौकरी है। मैं शायद दो या तीन साल यहाँ रहूँगी और फिर मैं कहीं और चली जाऊँगी," उन्होंने कहा।
वह तब से यहाँ की निवासी हैं और ओराना रेजिडेंट्स ऑफ़ इंडियन सब-कॉन्टिनेंटल हेरिटेज (ORISCON) (Orana Residents of Indian Sub-Continental Heritage) की अध्यक्ष हैं।
कहते हैं कि डब्बो की धूल आपके जूतों पर लग जाती है और वह आपको कहीं नहीं जाने नहीं देती।
न्यू साउथ वेल्स के मध्य पश्चिम में स्थित यह शहर, राज्य में सबसे तेज़ी से बढ़ते बहुसांस्कृतिक केंद्रों में से एक है। इसमें विशेष रूप से बड़ी संख्या में भारतीय और नेपाली आबादी है।
लॉर्ड मेयर जोश ब्लैक का कहना है कि प्रवासी समुदाय ने इस शहर को रहने के लिए एक बेहतर जगह बना दिया है।
"इसने वास्तव में समुदाय की भावना को बढ़ाया है और हमें कुछ ऐसा दिया है जो पहले डब्बो में हमारे पास नहीं था।"
गार्गी ने कहा कि हालांकि यह कोई "आसान बात" नहीं रही है, लेकिन यह खुश है।
"कहते हैं कि नस्लवाद हमेशा सतह पर रहता है ... केवल ग्रामीण शहरों में ही नहीं, यह हर जगह है। और मुझे लगता है कि यह अज्ञात के डर की भावना से पैदा होता है," उन्होंने कहा।
"हमें समुदाय के साथ वह जुड़ाव बनाना था जो सबको स्वीकार्य हो। और ORISCON ने इसे बनाने में मदद की है, क्योंकि हम पूरे समुदाय को एक साथ एक जगह पर लाते हैं। जिसमें केवल एक विशेष अलग सांस्कृतिक समूह नहीं हो , बल्कि पूरा समुदाय हो।"
उन्होंने कहा कि जब पूरा समुदाय एक साथ आता है, "वहीं आप सीखते हैं, आप आगे बढ़ते हैं, आप विकसित होते हैं और आप ऑस्ट्रेलियाई बन जाते हैं"।
एसबीएस एक्जामिन्स का यह एपिसोड, एसबीएस के 50 वर्षों का जश्न मनाते हुये, सफल और गौरवशाली बहुसांस्कृतिक समुदायों की कहानियों को उजागर करने के लिए डब्बो की यात्रा करता है।
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