ऑस्ट्रलियन-इंडियन के प्रयासों से शुरू हुआ कैनबेरा का पहला विमेंस शेड

Woman carpenter

Canberra Women's Shed Source: Getty Images/Maskot

कैनबरा विमेंस शेड औरतों को हैंडीमैन जॉब्स, यानि के रोज़मर्रा के रिपेयर, लकड़ी के काम और प्लंबिंग जैसे स्किल्स में ट्रेन करने की सोच से स्थापित किया गया है|


सोशल वर्कर सुनीता कोटनाला ने थोर्स हैमर के साथ स्थापित किया है कैनबेरा का पहला विमेंस शेडl .

आम तौर पर जो काम आदमियों का समझा जाता हैं, सुनीता कोटनाला और उनकी मित्र रोबी मकगार्वी ने उन्हीं कामों में औरतों को दक्ष बनाने का बीड़ा उठाया है|

"आज के दौर में यह बहुत ज़रूरी है कि औरतें अपने लिये खुद मुकम्मल जहाँ बनाएं, अपनी पीर खुद हों, अपने आप के लिए खुद खड़ी हो सकें| जीवन के छोटे से छोटे और बड़े से बड़े काम अपने अकेले दम पर पूरे कर सकें| इसी सोच के साथ हमनें कैनबेरा वीमेन्स शेड की शुरुआत की है," सुनीता कोटनाला ने SBS हिंदी को कहाँ. 


मुख्य बातें:

  • कैनबरा विमेंस शेड औरतों को हैंडीमैन जॉब्स, यानि के रोज़मर्रा के रिपेयर, लकड़ी के काम और प्लंबिंग जैसे स्किल्स में ट्रेन करेगा
  • सोशल वर्कर सुनीता कोटनाला ने थोर्स हैमर के साथ स्थापित किया है कैनबेरा का पहला विमेंस शेड
  • एक सामान्य शुल्क देकर कैनबेरा विमेंस शेड से जुड़ा जा सकता है

कैनबरा विमेंस शेड औरतों को हैंडीमैन जॉब्स, यानि के रोज़मर्रा के रिपेयर, लकड़ी के काम और प्लंबिंग जैसे स्किल्स में ट्रेन करने की सोच से स्थापित किया गया है| 

सुनीता बताती हैं कि उन्होंने सोशल वर्क में मास्टर्स किया है और पिछले बीस साल से वे ऑस्ट्रेलिया में घरेलू हिंसा, महिला सशक्तिकरण जैसे सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय योगदान देती रहीं हैं|

उनका हमेशा से मानना रहा है कि औरतों को हर तरह से खुद-मुख्तार होना चाहिए और इसीलिए जब उन्हें सिडनी में विमेंस शेड का पता चला तो उन्होंने उसमें शामिल होने में ज़रा देर नहीं करी|

वहां उन्होंने बेसिक टूल्स, जैसे ड्रिल, सैंडर आदि चलाने सीखे|

जब जनवरी में उन्होंने सिडनी में अपना घर बेचा, तो छोटे-मोटे मरम्मत के काम खुद ही कर लिए|

"यह मेरे लिए एक अहम पल था| न ही केवल मैंने मरम्मत की ओर होने वाला मोटा खर्चा बचाया था, बल्कि इसके साथ मेरे आत्म-विश्वास को भी बढ़ावा मिला था," सुनीता ने कहाँ.
Sunita Kotnala
कैनबेरा विमेंस शेड की संस्थापक सुनीता कोटनाला (बाएँ) और सह-संस्थापक रोबी मकगार्वी (दायें) Source: Sunita Kotnala
महामारी की बंदी में जब वे नयी-नयी कैनबरा पहुंची, तो कम्युनिटी मार्किट की वोलंटीयरिंग में उनकी मुलाकात रोबी मकगार्वी साथ हुई|

हैंडीमैन जॉब्स के मामले में रोबी और साथ की अन्य वालंटियर महिलाओं की भी वही समस्याएं थीं, जो कभी सुनीता की रही थीं|

यहीं सुनीता को कैनबेरा के लिए विमेंस शेड खोलने का खयाल आया|

रोबी ने उनका पूरा-पूरा साथ देने की पेशकश की|

एक सामान्य शेड के लिए, जहाँ हैंडीमैन जॉब्स की सही ट्रेनिंग दी जा सके, बड़ी जगह की आवश्यकता होती है|

थोर्स हैमर कैनबरा में एक फर्नीचर वर्कशॉप है|

सुनीता जी पहले वहां जा चुकी थीं| थोर्स हैमर की जो बात उन्हें सबसे ज्यादा पसंद आई थी वो यह कि थोर्स हैमर ऑस्ट्रेलिया भर से टिम्बर इकठ्ठा कर उसे रीसायकल करता है|

पर्यावरण की तरफ इस ज़िम्मेदार सोच को देखते हुए सुनीता और रोबी ने थोर्स हैमर के मालिक थोर्स डिसेनडोर्फ़ से बात की और डिसेनडोर्फ़ ने न ही केवल अपने वर्कशॉप की जगह देने को माने, बल्कि उन्होंने महीने भर के अंदर विमेंस शेड के लिए दो वर्कस्टेशन भी तैयार करवाए|
शुरुआती दौर में कैनबेरा विमेंस शेड प्रतिभागियों को लकड़ी का काम सिखाएगा, जो बाद में प्लंबिंग और बिजली के काम की ट्रेनिंग में बढ़ाया जायेगा|
कैनबेरा विमेंस शेड अक्टूबर 3 को अपनी पहली मीटिंग करेगा|

इस मीटिंग के लिए पन्द्रह प्रतिभागी पहले ही जुड़ चुके हैं| कई और जुड़ना चाहते हैं| एक सामान्य शुल्क देकर कैनबेरा विमेंस शेड से जुड़ा जा सकता है|

सुनीता कहती हैं कि उन्होंने ज़िदगी की कई लडाइयां अकेले लड़ी हैं, और इसलिए वे सशक्त होने के महत्त्व को बखूबी समझती हैं|

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