विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा तैयार की गईं ये गाइडलाइंस कहती हैं कि 3-4 साल के बच्चों को दिनभर में एक घंटे से ज्यादा स्क्रीन नहीं देखनी चाहिेए और उन्हें 10-13 घंटे सोना चाहिए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेडरोस ऐडहैनम गेब्रेयेसस कहते हैं बचपन के शुरुआती हिस्से में विकास तेजी से होता और उसी दौरान बच्चे पारिवारिक मूल्यों को भी सीखते हैं.
संक्षेप में WHO की गाइडलाइंस कुछ इस तरह हैं:
एक साल से कम
1. एक घंटे से ज्यादा प्रैम या स्ट्रोलर में ना रखा जाएगा. स्क्रीन बिल्कुल ना दिखाई जाए.
2. तीन महीने के बच्चों के लिए 14-17 घंटे और 11 महीने तक के बच्चों के लिए 4-11 महीने की नींद जरूरी है.
3. कम से कम आधे घंटे की शारीरिक गतिविधि.
1-2 साल तक
1. कम से कम तीन घंटे से शारीरिक गतिविधि.
2. प्रैम या स्ट्रोलर में एक घंटे से ज्यादा ना रखा जाए.
3. एक साल के बच्चों के लिए स्क्रीन देखना अच्छा नहीं है. जो बच्चे दो साल के हो गए हैं उन्हें भी एक घंटे से ज्यादा स्क्रीन के सामने नहीं होना चाहिए.
4. 11-14 घंटे की नींद.
3-4 साल तक
1. कम से कम तीन घंटे की शारीरिक गतिविधि
2. प्रैम या स्ट्रोलर में एक घंटे से ज्यादा ना रखा जाए.
3. एक घंटे से ज्यादा स्क्रीन के सामने नहीं होना चाहिए.
4. 10-13 घंटे की नींद और सोने व जगने का नियमित समय.