46 वर्षीय राकेश शर्मा को आठ लोगों को फर्जी दस्तावेजों पर ऑस्ट्रेलिया लाने के आरोप में बीते गुरुवार ब्रिसबेन में गिरफ्तार किया गया था. वह हरियाणा के कुरुक्षेत्र के रहने वाले हैं. उनकी मां डॉ. शकुंतला शर्मा सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी हैं.
राकेश शर्मा भारत के कई बड़े अखबारों के साथ काम कर चुके हैं. वह कुरुक्षेत्र में दैनिक जागरण अखबार के ब्यूरो चीफ भी थे. लेकिन उनके जानने वाले बताते हैं कि फिलहाल राकेश शर्मा किसी संस्थान के साथ काम नहीं कर रहे थे. शर्मा के एक जानकार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "राकेश शर्मा के बीजेपी नेताओं से अच्छे संबंध हैं. उनकी मां राज्य बीजेपी में प्रवक्ता हैं. राकेश शर्मा काफी देशों की यात्राएं कर चुके हैं. हालांकि पिछले काफी समय से वह किसी संस्थान के साथ काम नहीं कर रहे थे."
शर्मा की पत्नी का भी कहना है कि राकेश शर्मा का देश-विदेश आना-जाना लगा रहता था. राकेश शर्मा की पत्नी प्रियंका शर्मा ने चंडीगढ़ से छपने वाले अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून को बताया, "मेरे पति को घूमने का बहुत चाव है. वह अमेरिका, कनाडा, जापान और पाकिस्तान समेत कई देशों की यात्राएं कर चुके हैं. 27 मार्च को वह एक निजी यात्रा पर ऑस्ट्रेलिया के लिए निकले थे."
राकेश शर्मा पर मानव तस्करी और फर्जी दस्तावेजों के आरोप लगाए गए हैं. ऑस्ट्रेलियन बॉर्डर फोर्स के बैंकॉक स्थित अधिकारी ने इन लोगों के संदिग्ध होने की जानकारी दी थी. बुधवार रात ब्रिसबेन पहुंचने पर इन लोगों से अधिकारियों ने पूछताछ की. एबीएफ के मुताबिक इन लोगों के पास जो मीडिया पहचान पत्र थे वे फर्जी पाए गए.
राकेश शर्मा को गुरुवार सुबह ब्रिसबेन की अदालत में पेश किया गया. आरोप साबित होने पर उन्हें 20 साल तक की जेल हो सकती है. राकेश शर्मा को अब 6 अप्रैल को अदालत में पेश किया जाएगा.
एबीएफ की क्षेत्री कमांडर टेरी प्राइस ने कहा कि कॉमन वेल्थ खेलों के लिए आने वाले लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.