हाल ही में चीन से आईं माइग्रैंट युजहेन चेन ऑस्ट्रेलिया की तारीफ करते नहीं थकतीं. वह कहती हैं, "मेरे बच्चों को यहां अच्छा भविष्य मिलेगा. यहां हवा-पानी साफ है. शिक्षा व्यवस्था अच्छी है और आगे बढ़ने के बहुत से मौके हैं."
चेन को ऑस्ट्रेलिया का साफ नीला आसमान तो बहुत ही ज्यादा पसंद हैं.
चेन उन 130 लोगों में से हैं जिनके साथ ऑस्ट्रेलियन मैनेजमेंट एजुकेशन सर्विसेज ऑस्ट्रेलिया नाम की संस्था ने बात की. इस बातचीत का मकसद आप्रवासियों के अनुभवों को दर्ज करना था.
इस सर्वेक्षण में लोगों से पूछा गया कि वे ऑस्ट्रेलिया क्यों आए. और उनसे इस नए देश में हो रहे अनुभवों के बारे में बताने को कहा गया.
संस्था के प्रवक्ता लॉरी नॉवेल ने एबीएस न्यूज को बताया कि इस सर्वेक्षण में कई अच्छी बातें सामने आईँ तो नकारात्मक बातें भी उजागर हुईं.
वह बताते हैं,"सबसे उत्साहजनक तो यह है कि ऑस्ट्रेलिया आने वाला हर व्यक्ति समाज का हिस्सा बनना चाहता है और समाज के निर्माण में अपनी भूमिका निभाना चाहता है. वह नौकरी चाहता है और साथ ही सामाजिक कार्यों में हिस्सा भी लेना चाहता है."
नकारात्मक बातों में सामने आया कि सबका अनुभव ऑस्ट्रेलिया आने पर अच्छा नहीं रहता. नॉवेल कहते हैं, "कुछ लोगों को सेटल होने में बहुत ज्यादा समय लगता है. नौकरी मिलने में बहुत वक्त लगता है."
जो बाधाएं लोगों के सामने आती हैं, उनमें से एक है अंग्रेजी. सर्वेक्षण में 64 फीसदी लोगों ने इसे सबसे बड़ी बाधा बताया है.
नॉवेल कहते हैं, "ऑस्ट्रेलिया आने वाले हर आप्रवासी की कहानी अलग है. और ऑस्ट्रेलिया में माइग्रैंट्स और शरणार्थियों को अंग्रेजी सिखाने के लिए अच्छी सुविधा है. लेकिन सब इस सुविधा का फायदा नहीं उठा पाते. खासकर, वे लोग जो पढ़े लिखे नहीं हैं."

Chinese migrant Yuzhen Chen, who took part in a survey into the experiences of newly-arrived Australians Source: Supplied
इसका नतीजा यह होता है कि इन लोगों को नौकरी मिलने में मुश्किल होती है. कई बार तो गुजारा तक मुश्किल हो जाता है.
लोग अपने परिवारों को याद भी बहुत करते हैं. लगभग 20 फीसदी लोग कहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में उन्हें अकेला लगता है.
लेकिन इस सर्वेक्षण में यह यह बात उभर कर सामने आई कि ज्यादातर लोग ऑस्ट्रेलिया आने के अपने फैसले से खुश हैं.