संस्कृति जटिल है, इसलिए जब आप किसी अन्य व्यक्ति से अपनी संस्कृति के बारे में बात कर रहे हों, तो किसी भी अप्रत्याशित कारणों के लिए गलती करना और अपने समकक्ष को नाराज करना आसान है।
यह विशेष रूप से तब हो सकता है जब आप आदिवासी संस्कृति के किसी व्यक्ति के साथ बातचीत करते है, क्योंकि दुर्भाग्य से आदिवासी संस्कृति के आस-पास कई गलत धारणाएं ऑस्ट्रेलिया में बनी हैं।
डैनी टीस-जॉनसन, हमारे NITV सहयोगी, गर्व गोमेरोई राष्ट्र से आते हैं। उन्होंने खुद ऑस्ट्रेलियाई समाज में आदिवासी लोगों के प्रति आक्रामक प्रथाओं को देखा है और इसलिए वह आदिवासी लोगों और संस्कृति के बारे में कुछ सामान्य मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने में हमारी मदद करी।
नए आदिवासी दोस्तों से मिलते वक़्त यह पांच बातों का ध्यान रखें।
आपत्तिजनक नाम
ऑस्ट्रेलिया के स्वदेशी लोगों को आमतौर पर 'आदिवासी' या 'स्वदेशी' लोगों के रूप में जाना जाता है।
हालाँकि बहुत से लोग इस बात से अवगत नहीं हैं कि 'आदिवासी' शब्द को छोटा करके किसीको 'आदि' बुलाना अपमानजनक हैं। ऐसे आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करना योग्य नहीं है।
इससे बेहतर है की आप अपने आदिवासी मित्र या सहकर्मी से पूछें कि वह किस देश से संबंधित हैं।
डैनी बताते हैं कि सभी आदिवासी समान नहीं हैं।
डैनी कहते हैं, "हम अपने स्वयं के रीति-रिवाजों और भाषाओं के साथ कई विविध देशों के हैं, जिनमें से कई अब विनाशकारी प्रभाव के कारण खो गए हैं। मूल 700 से लगभग सिर्फ 250 आदिवासी भाषाएँ बची हुई हैं।"
'आप कितने प्रतिशत आदिवासी हैं?'
एक स्वदेशी व्यक्ति के लिए सबसे अपमानजनक प्रश्न यह है कि वे कितने प्रतिशत आदिवासी हैं?
डैनी कहते हैं, "यह महत्वपूर्ण नहीं है कि क्या आप 16वीं प्रतिशत आदिवासी या 100 प्रतिशत आदिवासी हैं. भूमि और आपके समुदाय से आपका कनेक्शन आपकी पहचान का हिस्सा हैl"
'आदिवासियों को मुफ्त घर मिलते है'
हालांकि कुछ निश्चित तरीकों से आदिवासी समुदायों का समर्थन करने के लिए सरकारी कार्यक्रम रखे जाते हैं, लेकिन सच्चाई यह नहीं है कि सभी आदिवासी लोग सरकार से मुफ्त आवास प्राप्त करते हैं।
बहुत से स्वदेशी लोग अधमरी बिरादरी में रहते हैं और वे कई चुनौतियों का सामना करते है।
उन समुदायों में रहने वाले व्यक्ति के लिए जहां जीवन एक दैनिक संघर्ष है और यहां तक कि बड़े शहर में रहने वाले आदिवासी व्यक्ति के लिए भी, कहा जा रहा है, "आप तोह मुफ्त सामान पा रहे हैं", वो बहुत अपमानजनक है ।
ऑस्ट्रेलिया में आदिवासी लोगों के संघर्ष और इतिहास को देखते हुए, ऐसा कुछ भी कहना अपमानजनक है।

Danny Teece-Johnson, NITV journalist from the Gomeroi nation. Source: SBS
भूमि के मूल संरक्षकों का उल्लेख ना करना
हो सकता है कि आप किसी समारोह में आए हों, जहां उद्घाटन समारोह से ठीक पहले, आपने पारंपरिक स्वागत किया हो या देश की स्वीकृति की हो।
यह तब होता है जब कोई व्यक्ति भूमि के मूल संरक्षकों का उल्लेख करता है या जब एक आदिवासी व्यक्ति दर्शकों का समारोह में स्वागत करने के लिए अपनी पारंपरिक भूमि पर एक विशेष विधि करता है।
डैनी कहते हैं, "जो कोई भी आदिवासी संस्कृति के बारे में जानते है, उन्हें पता है कि हम जमीन से कैसे जुड़े हैं।"
इसलिए जब आप किसी घटना का मंचन कर रहे हैं, तो सम्मानजनक बात यह है कि आप भूमि के मूल संरक्षकों का सम्मानजनक उल्लेख करें और यदि संभव हो तो, जब आपका कार्यक्रम बड़ा हो तो पारंपरिक स्वागत बेहतर है।
आदिवासी लोगों की ओर से बोलना
शायद सबसे निराशाजनक यह है की कई बार हम आदिवासी लोगों के बारे में, उनको संवाद में शामिल करे बिना, बात करते है।
डैनी कहते हैं, "अक्सर हम मुख्यधारा के मीडिया में, विशेष रूप से आदिवासी विशेषज्ञों या नेताओं को आदिवासी मुद्दों पर चर्चा करते हुए गैर-स्वदेशी लोगों को देखते हैं। ये एक बहुत ही असत्य तस्वीर पेश करते हैं।”