कहीं आप झूठे दावे करके ऑस्ट्रेलिया में संरक्षण वीज़ा (सब क्लास 866) आवेदन तो नहीं कर रहे ?

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Source: SBS

आँकड़े बता रहे हैं कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के लोग संरक्षण वीज़ा (सबक्लास 866) का आवेदन करने वाले लोगों में काफी आगे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि ऑस्ट्रेलियाई वीज़ा प्रणाली का दुरुपयोग न हो। सरकार ने झूठे दावे करने वालों के लिए दंड समेत सख़्त कदम उठाये हैं और इसे रोकने के लिए कार्रवाई कर रही है।


खास बातें
  • संरक्षण वीज़ा उन लोगों (या उनके परिवार के सदस्यों) के लिए है, जिन्हें उनके गृह देश में जाति, धर्म, राष्ट्रीयता, विशेष सामाजिक समूह की सदस्यता या राजनीतिक राय के कारण वास्तविक जोखिम है।
  • ऑस्ट्रेलिया में अपना प्रवास बढ़ाने के लिए झूठे दावे करके प्रोटेक्शन वीज़ा के लिए आवेदन नहीं करें।
  • अस्वीकृत संरक्षण वीज़ा आवेदन आपके इमिग्रेशन रिकॉर्ड में जीवन भर के लिए दर्ज हो जाएगा। जो आपके और आपके परिवार के लिए भविष्य में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करना भी कठिन बना सकता है
संरक्षण वीज़ा (सब क्लास 866) से वह कोई व्यक्ति को ऑस्ट्रेलिया में स्थायी रूप से रह सकता है जिसे अपने गृह देश में गंभीर नुकसान या उत्पीड़न का वास्तविक खतरा है। लेकिन लोग ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा वीज़ा प्रणाली का फ़ायदा उठाने की कोशिश करते हैं और ऑस्ट्रेलिया में रहने के लिए झूठे दावे करते हैं।

पिछले साल ही सरकार ने इस गंभीर स्थिती की पहचान की और लोगों को यह बताने के लिए अभियान शुरू किया है कि संरक्षण वीज़ा वास्तव में किसके लिए है। इसके लिये ऑस्ट्रेलिया में सांस्कृतिक और भाषाई रूप से विविध समुदायों के बीच जागरुकता अभियान शुरु किये हैं ताकि अस्थायी वीज़ा धारक गलत सूचनाओं का शिकार न हों और सावधान रहें। समुदाय के नेताओं और संगठनों को सुरक्षा वीज़ा प्रणाली के बारे में बताने के लिये कदम उठाये गये हैं।

हरप्रीत सिंह कंदरा, जो गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार ऑफीसर में कई तरह के सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों का नेतृत्व करते हैं और सुरक्षा वीज़ा अभियान में भारतीय समुदाय के एम्बेसडर हैं, वह बताते हैं कि,"लोग अक्सर एजेन्टस या दोस्तों की ग़लत सलाह लेकर प्रोटेक्शन वीज़ा के लिए आवेदन करते हैं, यह सोचकर कि यह एक आसान रास्ता है और वह ऑस्ट्रेलिया में लंबे समय तक रह सकते हैं। वे पैसा भी देते हैं, लेकिन उन्हें इसके गंभीर परिणामों का पता नहीं होता।”
Harpreet Singh Kandra
Harpreet Singh Kandra, the ambassador for the Indian community in the Protection Visa campaign Source: Supplied / Harpreet Singh Kandra
कंदरा चेतावनी देते हैं, “सुरक्षा वीज़ा आवेदन के हिस्से के रूप में झूठे दावे करने से भारी जुर्माना और जेल तक हो सकती है। परिवार के सदस्यों को भी भविष्य में ऑस्ट्रेलिया आने या प्रवास पर रोक लग सकती है। एक बार आवेदन अस्वीकृत हो गया तो वह रिकॉर्ड में दर्ज हो जाता है। आपको फिर भविष्य में वीज़ा आवेदन करना मुश्किल हो जाता है।”

आँकड़े रेखांकित करते हैं कि संरक्षण वीजा (Protection Visa) के 90 प्रतिशत से अधिक आवेदनों को अस्वीकार कर दिया जाता है क्योंकि वे आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं।

भारतीय समुदाय से यह अपील किसी भी अन्य देश की तुलना में ऑस्ट्रेलिया में आये भारतीयों द्वारा अधिक संरक्षण वीज़ा आवेदन दायर करने के बाद की गई है।
गृह विभाग (Department of Home affairs ) Department of Home Affairs  की 1 दिसम्बर 2024 to 31 दिसम्बर 2024 की मासिक अपडेट के अनुसार ऑनशोर प्रोटेक्शन वीजा लॉजमेंट 1,784 थे और इसमें चीन के 247 के बाद दूसरे नम्बर पर भारतीयों के 193 लॉजमेंट थे ।

Monthly Update: Onshore Protection (Subclass 866) Visa Processing - December 2024
दिसम्बर 2024 के दौरान भारत से आये 5 से भी कम लोगों को प्रोटेक्शन वीजा मिला जो कि 0.61 % है। इसी महीने के दौरान 324 प्रोटेक्शन वीजा लॉजमेंटस् को अस्वीकार किया गया । अस्वीकृत वीज़ा लिस्ट में भारतीय निवेदक लिस्ट में पहले नम्बर पर है।
गृह मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर हर माह की विस्तृत रिपोर्ट देखी जा सकती है।

अपंजीकृत प्रवास सलाहकार से सावधान रहें

माग्रेशन एजेन्ट और वकील आवेदन प्रक्रिया की जटिलताओं से निपटने में मदद करते हैं, लेकिन आँकड़े ऐसी तसवीर नहीं दिखा रहे।

इस विषय में रजिस्टर्ड माग्रेशन एजेन्ट सुरेन्दर थीमापुरम बताते है कि स्टूडेंट वीज़ा या जिनका कोई दूसरा वीज़ा ख़त्म हो रहा होता है वह अक्सर यहाँ रुकने का आसान रास्ता अपनाते हैं क्योंकि सुरक्षा वीज़ा की प्रक्रिया में लंबा समय लगता रहा है, इसलिए लोग ऑस्ट्रेलिया में काम करने के लिए लंबे समय तक रहने के तरीके के रूप में इसका उपयोग कर सकते हैं।
Surender Thimapuram
Migration Agent Surender Thimapuram Source: Supplied / Surender Thimapuram
थीमापुरम चिन्तित हैं कि अक्सर इन्टरलेशनल स्टूडेन्टस् इस धोखे में फँस जाते हैं। इस तरह वह अपना नुकसान कर लेते हैं ।

“मुश्किल यह है कि अनरजिस्टर्ड माग्रेशन एजेन्ट स्टूडेंटस को गुमराह करते हैं। सबको चाहिये कि वह हमेशा दो तीन एजेन्टस् से अपनी व्यक्तिगत स्थिति को समझे। वीज़ा नियमों को भी ठीक से समझें। गलत सूचनाओं का शिकार न हों और सावधान रहें।”

इसके अलावा थीमापुरम ने बताया कि ऐसे अनरजिस्टर्ड माग्रेशन एजेन्ट अक्सर अपने पोर्टल से आवेदन नहीं भरते। वह कई बार क्लाइंट की ही आई डी से काम करते हैं। तो उनकी पहचान नहीं हो पाती, उन एजेन्ट का नाम सामने नहीं आता।

वह सलाह देते हैं कि, “यह चैक करें कि आवेदन कैसे किया गया है। किस पोर्टल से भरा गया है। अपने काग़ज़ वग़ैरा ध्यान से देखें और हर चीज का पूरा रिकार्ड भी रखे ताकि ज़रूरत पड़ने पर दिखाया जा सके कि उनके साथ धोखा हुआ है।”
पहले संरक्षण वीजा के आवेदनों की जाँच में काफ़ी सालों का समय लग जाता था लेकिन अब जाँच कार्यों में बड़ी तेज़ी आयी है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि शरण की ज़रूरत वाले लोगों को जल्दी से जल्दी सुरक्षा प्रदान की जाए।
आव्रजन और नागरिकता मामलों, तथा संरक्षण मामलों के लिए निःशुल्क कानूनी सहायता ली जा सकती हैं, जो आवेदक की स्थिति के अनुसार सही सलाह देते हैं।
हर राज्य और क्षेत्र में कई कानूनी सहायता प्रदाता हैं।

कंदरा कहते हैं कि लोगों को कानूनी सलाह लेनी चाहिये, ताकि वह अपनी स्थिति को सही समझ सकें। और झूठे दावे से केवल व्यक्ति नहीं बल्कि पूरे समुदाय पर खराब प्रभाव पड़ता है जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं।

समुदाय भी अपनी जिम्मेदारी समझे

कंदरा इस ओर भी ध्यान दिलाते हैं कि कई बार व्यक्ति वीज़ा आवेदन में अपने समुदाय के लोगों से सपोर्ट लैटर मांगते हैं। वह कहते हैं कि जिम्मेदारी के साथ ऐसा केवल तभी करना चाहिए जब वास्तव में लगता है कि उन्हें अपने देश लौटने से बहुत नुकसान या उत्पीड़न का जोखिम है।

स्थिती की गंभीरता को समझना आवश्यक है और हरप्रीत कंदरा दोहराते हैं, “बहुत आवश्यक है कि लोग समझें कि ये वीज़ा किसके लिए हैं, हम न सिर्फ़ सरकार का काम बढ़ा रहे हैं बल्कि जिन्हें सही अर्थों में इस सुरक्षा की आवश्यकता है उनके लिये देरी करवा रहे हैं।”

सरकार के इस अभियान का एक मुख्य संदेश यह है कि कई आवेदक संरक्षण वीज़ा मानदंडों से अनजान हैं और इस बारे में गुमराह हैं कि वे पात्र हैं या नहीं। इससे बैकलॉग की स्थिति पैदा होती है, जिससे वास्तविक मामलों के प्रसंस्करण में देरी होती है।

नोट: हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि इस अंश में व्यक्त की गई जानकारी, सलाह सामान्य प्रकृति की है। अपनी स्थिति पर स्पष्ट सलाह के लिए अपने प्रवास एजेंट या आव्रजन विभाग से संपर्क करें।

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