क्या आपके खाने में प्रतिबंदित रसायन, कीटनाशक और धातु हैं?

food safety

food safety Source: SBS

यह कहानी है लीड और कॉपर से होने वाले जहरीलेपन की और साथ ही आर्सेनिक और प्रतिबंदित कीटनाशक जैसे DDT- की मिलावट की.


पिछले वर्ष एसबीएस के पंजाबी कार्यक्रम को भारतीये मूल के लोगों से फ़ोन और सोशल मीडिया द्वारा कई सारी ऐसी तस्वीरें और शिकायतें प्राप्त हुई जो ऑस्ट्रेलिया में चल रहे खाद्य पदार्थों वाली किराना दुकानों पर दक्षिण एशिया से आने वाले सामान की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे थे.

लोगों का कहना था की यह खाद्य पदार्थ या तो सड़ चुका था या उसमें से बदबू आ रही थी.

इन शिकायतों के बाद एसबीएस ने कई महीनों तक कड़ी जांच-पड़ताल की और इस समस्या की गहराई तक जा पहुंची.

यह कहानी है लीड और कॉपर से होने वाले जहरीलेपन की और साथ ही आर्सेनिक और प्रतिबंदित  कीटनाशक जैसे DDT- की मिलावट की.

(Sounds of supermarket ... fade under)

यदि खाद्य पदार्थ मात्र सड़ या गल जाये तो ग्राहक उसे आसानी से फैंक सकतें हैं.

पर यह समस्या का मात्र एक पहलू ही है.

ऑस्ट्रेलिया में खाद्य पदार्थों के निर्यात की गुणवत्ता से जुडे विशेषज्ञों के अनुसार समस्या का बड़ा पहलूरसायनों, कीटनाशकों और धातु द्वारा खान-पान की चीज़ों में मिलावट है.

उनके अनुसार वैश्वीकरण का मतलब है की ऑस्ट्रेलिया में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता से जुडे सख्त नियम होने के बावजूद विदेशों से आने वाले सामान की उतने कड़े रूप से जांच पड़ताल नहीं होती.

(Sounds of supermarket ... fade under)

एसबीएस पंजाबी कार्यक्रम की एक टीम ने अपनी जांच में पाया की अमेरिका में 2015-16 में प्रतिबंदित लगभग 3000 भारतीये खाद्य पदार्थों के ब्रांड्स ऑस्ट्रेलिया में आसानी से उपलब्ध हैं.

US Food and Drug Administration ने इनको कीटनाशकों, लबेल्लिन्ग में लापरवाही, साल्मोनेला, मेलामाइन, तथा विषैले पदार्थों की मिलावट के कारण पास करने से अस्वीकार कर दिया.

2013 के अंत में हल्दीराम के टेस्टी नट्स को अफ्लाटॉक्सिन के दूषण के चलते ऑस्ट्रेलिया की विभिन्न दुकानों से वापिस भेज दिया गया था और अमेरिका में तो अब भी इसे गुणवत्ता के मापदंड पर पास नहीं किया है.

अमेरिका में अस्वीकृत खदया पदार्थों की सूचि को मार्गदर्शक गाइड मान कर एसबीएस रेडियो ने ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न शहर में चल रहे विभिन्न किरयाना दुकानों से दर्जन भरऐसे खाद्य पदार्थ खरीदे.

एकत्र किये पदार्थों में से 18 को फिर भेजा गया National Association of Testing Authorities- द्वारा मान्यता प्राप्त खाद्य सामान की जांच करने वाले National Measurement Institute- में.

 

तर्क यह था की क्या इनमें से किसी भी पदार्थ में कीटनाशक या रसायन की मिलावट है या नहीं.

इस जांच में पता चला की 2 पदार्थ तो ऑस्ट्रेलिया के खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के माप दंड से काफी नीचे थे और 1 तो ऐसा प्रतिबंदित पदार्थ था जो ना जाने कैसे ऑस्ट्रेलियाई कस्टम की नज़र से बच कर निर्यात किया गया.

एसबीएस की जांच से यह भी पता चला की कोहिनूर  बासमती चावल के अंदर Buprofezin (boo-pro-FEE-zin) नाम का कीटनाशक है जिसके इस्तेमाल की अनुमति ऑस्ट्रेलिया में नहीं है.

यही नहीं MDH- मसलों में तो Food Standards Australia New Zealand- द्वारा निर्धारित कीटनाशक रसायन सीमा से भी उप्पर की मिलावट पायी गयी.

पान में इस्तेमाल होने वाली सुपारी जो कैंसर जैसी बीमारी का कारण है और ऑस्ट्रेलिया में प्रतिबंदित है यह भी आसानी से कुछ दक्षिण एशियाई खाद्य पदार्थों की दुलकणों पर आसानी से मिल रहे है.

अमेरिका में तो MDH- को कई बार अस्वीकृत किया गया है.

एसबीएस ने जब MDH Tawa Fry Masala- का परीक्षण किया तो पाया की इसमें 0.22 milligrams फफूँदनाशी Carbendazim (kar-BEN-dah-zim) तथा 0.066 milligrams कीटनाशक Imidacloropid (IM-uh-dah-KLO-prid) प्रति किलोग्राम है जो की Food Standards- द्वारा निर्धारित सीमा से दो गुना है.

(Sounds of supermarket ... fade under)

Monash University- के Australian Centre for Human Health Risk Assessment- के Professor Brian Priestly- ने इस बात की पुष्टि की है की MDH- masala गुणवत्ता के स्तर पर ऑस्ट्रेलिये मापक पर खरे नहीं उतरते.

"When I checked the current maximum-residue limit (MRL) regulations in Australia, the levels you showed me in that data were slightly above that. So it would not be compliant, though I doubt very much if there will be a health effect associated with those levels because they are only marginally higher than the MRL. But they would not be compliant, put it that way."

साथ ही MDH Tawa Fry Masala और Nestle Cerelac तो ऑस्ट्रेलिये माप-दंड के अनुसार की जाने वालीलबेल्लिन्ग पर भी फ़ैल हुए. यहाँ दोनों ने ही निर्यातकों का नाम डब्बे पे साफ़-साफ़ अंकित नहीं करवाया जो की बेहद जरूरी है!

द्वारा जाँची गयी तीन अन्य खान-पान की सामग्री में पाए गए लड और कॉपर के स्तर ने National Measurement Institute के विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया.

यह हैं Complan-, Verka Ghee, और पकिस्तान से आने वाला Indus बासमती चावल.

मेलबोर्न में खरीदे गए Kohinoor बासमती चावल में 0.014 milligrams प्रति किलोग्राम के दर पर of Buprofezin नमक कीटनाशक पाया गया.

Professor Priestly के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में Buprofezin- के इस्तेमाल की भी कोई ऊपरी सीमा तय नहीं है इस वजह से इस कीटनाशक का चावल में पता लगना मुश्किल है.

इस चावल के निर्यातक Aarkay International- ने इस मामले में कोई भी टिपण्णी करने से मना कर दिया.

जब Verka Ghee का परिक्षण किया गया तो उसमें संभावित कैंसर की बीमारी करने वाले कीटनाशक DDT- के अंश पाए गए हालाँकि यह ऑस्ट्रेलिया के Food Safety स्टैंडर्ड्स की निर्धारित सीमा के भीतर थे.

हालांकि जिन विशेषज्ञों से एसबीएस ने बात की मानते हैं की DDT- का प्रयोग चाहे यह थोड़ी मात्रा में ही क्यों न हो काफी हानिकारक है.

Professor Cohen के अनुसार DDT- जैसे रसायन दीर्घस्थायी होतें हैं और उनका असर कई पीढ़ियों तक नज़र आता है क्योंकि यह गर्भवती माँ से पैदा होने वाले बच्चे में आसानी से स्थानान्तरित हो जाता है.

Verka Coop ने इस मुद्दे पर टिपण्णी करने से मना कर दिया पर एसबीएस को इतना ज़रूर बतया की उनके घी की गुणवत्ता ऑस्ट्रेलियाई और भारतीये माप दंड के अनुसार है.

भारत में Heinz- India- द्वारा निर्मित बच्चों को दूध में मिलकर दिये जाने वाले पाउडर Complan- के सैंपल पर भी जांच की गयी.

और इसमें पायी गयी 0.12 milligrams प्रति किलोग्राम लीड की मिलावट जबकि ऑस्ट्रेलिया में मात्र 0.2 milligrams प्रति किलोग्राम लीड की मिलावट को ही सुरक्षित माना जाता है.

Kraft Heinz India का कहना है की उनके द्वारा निर्मित सभी पदार्थों में रसायन और धातु की मिलावट भारतीये सरकार द्वारा निर्धारित Food Safety Regulations- के माप दंड के हिसाब से सही है.

उसने साथ ही यह भी कहा की उनके द्वार किसी भी व्यक्ति को इन खाद्य पदार्थों के निर्यात के लिये अधिकृत नहीं किया गया है.

Dr Kamaljit Singh Vilkhu- जो लगभग १७ वर्षों तक ऑस्ट्रेलिया के Commonwealth Scientific and Industrial Research Organisation (CSIRO) में खाद्य पदार्थों के वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत थे इस पुरे मामले को काफी गंभीर बताते हैं.

हाल ही कई कुछ वर्षों में उन्होंने फ़ेडरल सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में खाद्य पदार्थो की जांच की है.

"The level of those chemicals is way too high. Even you can feel, you can smell, you can taste. This is my personal experience as well. So, this is quite an alarming situation for most of the products which are coming from India, with the pesticides or insecticide chemical residues."

इस जांच में ज्यादातर खाद्य पदार्थ या तो कम खतरे वाले या फिर कड़े निरीक्षण में रखने वाले पाए गए.

शोधकर्ता Anthony Amis बताते हैं की ऑस्ट्रेलिये अधिकारी बस थोडे ही खाद्य पदार्थों की जांच करते हैं.

"About 5 per cent of the food products that are coming into Australia are actually tested for pesticides by the quarantine service. That leaves a pretty big margin of the stuff that can come in that no-one's really sure about. That's 95 per cent of whatever is coming into the country isn't tested at all."

Department of Agriculture and Water Resources भी इस बात को स्वीकार करता है की निर्यात प्रक्रिया के दौरान मात्र 5 प्रतिशत खाद्य पदार्थ जो की निरिक्षण सूचि में हो जांच के लिये बुलवाया जा सकता है.

पर अब भी डिपार्टमेंट के अनुसार 98 प्रतिशत निर्यात होने वाले  खाद्य पदार्थ ऑस्ट्रेलिया के  माप दंड के अनुसार ही है.


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