1915 में Gallipoli में भारत के सिख, हिन्दू, मुस्लिम और गुरखा सैनिकों की टोली, जिसे फ़ोर्स G के नाम से जाना जाता था, ने ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों या ANZACs (Australian and New Zealand Armed Corps) के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर लड़ाई लड़ी.
इतिहासकारों ने इस लड़ाई में भारतीये सैनिकों के योगदान को कम महत्व दिया है.

Kitchener inspecting the Indian troops,, England, World War I Source: Getty Images
UNSW के प्रोफेसर Peter Stanley मानते हैं की इस युद्ध में ऑस्ट्रलिाई सैनिकों से ज्यादा भारतीये सैनिक मारे गए थे!
भारतीये सैनिकों की टोली या फ़ोर्स G – इन्फेंट्री, आर्टिलरी, चिकित्सा, और सप्लाइज कोर में योगदान के लिये जानी जाती है.
ऑस्ट्रेलिया के खेतों और यहाँ फेरीवालों का काम कर रहे लगभग एक दर्जन भारतियों ने भी इस युद्ध में हिस्सा लेने के लिये ANZAC में भर्ती की परन्तु वह कभी Gallipoli में लड़ने नहीं गए.
केवल एक ऑस्ट्रेलियाई-भारतीय Charles Khan, Gallipoli पहुंचा और वह भी में खानसामे के तौर!
आइये जानिये अमित सारवाल की Len Kenna और Crystal Jordan से ख़ास भेटवार्ता में की आज आस्ट्रेलियावासियों के लिये ANZAC दिवस का क्या महत्व है? और इस युद्ध में भारतियों का क्या योगदान था?

Indians at Gallipoli Source: Crystal Jordan