आखिर कहाँ है भारत की पहली बोलती फिल्म 'आलम आरा'?

Alam_Ara_poster,_1931.jpg

Theatrical release poster of India's first talkie Film Alam Ara. It was released on 14 March 1931 Credit: Wikimedia Commons/Public Domain

भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा 14 मार्च 1931 के दिन रिलीज हुई लेकिन निर्देशक अर्देशिर ईरानी की इस अग्रणी फिल्म का आज कोई प्रिंट उपलब्ध नहीं है। इस पॉडकास्ट में भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (NFAI) के निदेशक स्वर्गीय पी के नायर की एस बी एस हिन्दी के साथ एक खास बातचीत के एक अंश से जाने कि यह फिल्म कहाँ चली गयी।


खास बातें
  • 1931 में प्रदर्शित फिल्म आलम आरा भारत की पहली बोलती फिल्म थी
  • कलाकार गायक वज़ीर मोहम्मद खान की आवाज में 'दे दे खुदा के नाम पे प्यारे' पहला हिन्दी सिनेमा गाना बना।
  • फिल्म आलमआरा का संगीत फ़िरोज़शाह मिस्त्री ने तैयार किया था।
  • 1913 में दादा साहब फालके द्वारा बनी राजा हरीश्चंद्र भारत की पहली मूक फिल्म थी।
फ़िल्म आलम आरा में उस दौर के जाने माने कलाकार मास्टर बिट्ठल और जुबैदा ने मुख्य भूमिका निभाई। फिल्म में उस समय के नये कलाकारों में एक नाम पृथ्वीराज कपूर का भी था, जो बाद में एक बड़े स्टार बने ।

1886 में जन्मे अर्देशिर ईरानी ने 1920 में अपनी पहली मूक फीचर फिल्म नल दमयंती बनाई थी। कई सफल फिल्मों के साथ वह फिल्मी दुनिया में एक बड़ा नाम भी बन चुके थे। उन्होंने 1925 में इम्पीरियल फिल्म कम्पनी की स्थापना की।

ईरानी इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसरस् एशोसियेशन के पहले अध्यक्ष रहे थे। (IMPPA 1937 to 1939)
Ardeshir_Irani_recording_Alam_Ara,_1931.jpg
Director Ardeshir Irani Credit: Wikimedia Commons/Public Domain
इस पहली बोलती और गायन वाली संगीत प्रधान फिल्म बनाने की प्रेरणा उन्हें 1929 में अमेरिकी फिल्म शो बोट देखने के बाद मिली।

फिल्म में सात गाने थे और गाना 'दे दे खुदा के नाम पे प्यारे' पहला फिल्मी गाना बना जो बहुत लोकप्रिय हुआ। इस गाने को वज़ीर मोहम्मद खान ने गाया जो फिल्म में एक फकीर की भूमिका निभा रहे थे।

इम्पीरियल फिल्म कम्पनी के बैनर तले बनी इस फिल्म के प्रचार के लिये सिर्फ एक पोस्टर का इस्तेमाल हुआ था और फिल्म को रिकार्ड सफलता मिली थी।
Alam_Ara_poster,_1931.jpg
Poster of the first Indian talkie Film Alamara. The film was released on 14 March 1931 Credit: Wikimedia Commons/Public Domain
इस फिल्म की तलाश में सेलुलॉयड मेन (Celluloid Man) के नाम से जाने जाने वाले पी के नायर 60 के दशक में निर्देशक अर्देशिर ईरानी और उनके बेटे से मिले। वहाँ उन्हें फिल्म आलमआरा तो नहीं मिल सकी लेकिन बेटे से पता चला कि फिल्म आखिर कहाँ चली गयी।

एस बी एस हिन्दी के साथ बातचीत में नायर ने बताया कि फिल्म की रीलों के साथ आखिरकार क्या हुआ था।

इस पॉडकास्ट को सुनें:-

पी के नायर (6 अप्रैल 1933 - 4 मार्च 2016), 1964 में भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (NFAI) के संस्थापक और निदेशक थे। भारत में फिल्मों के संरक्षण के प्रति उनके अथक प्रयास से कई फिल्मों को भारत और दुनिया भर से एकत्र कर उन्हें संरक्षित किया जा सका।

पी के नायर के प्रयास से ही दादा साहब फालके द्वारा निर्मित हिन्दी सिनेमा की पहली फिल्म "राजा हरिश्चंद्र" की दो रीलस् यानि पहली और आखिरी रील को संजोया जा सका था।
1913 में फालके ने इस फिल्म को चार रीलस् में बनाया था।

2012 मे सेलुलॉयड मैन (Celluloid Man ) के नाम से शिवेन्द्र सिंह डुंगरपुर ने पी के नायर के काम पर केन्द्रित एक डाकूमेंटरी भी बनाई।

अस्वीकरण: इस अंश में फिल्म आलम आरा निर्माण सम्बंधित प्रस्तुत जानकारी वेब/पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध सामग्री के आधार पर है।

एसबीएस हिन्दी के सभी कार्यक्रम आप सुन सकते हैं शाम 5 बजे डिजिटल रेडियो, टीवी चैनल 305, एसबीएस ऑन डिमांड, या एसबीएस ऑडियो ऐप पर, या एसबीएस साउथ एशियन के यूट्यूब चैनल पर, या आप हमारी वेबसाइट से स्ट्रीमद्वारा हमें सुन सकतें है। आपको हमारे पॉडकास्ट एसबीएस हिन्दी पॉडकास्ट कलेक्शन पर भी मिल सकते हैं।

Share
Download our apps
SBS Audio
SBS On Demand

Listen to our podcasts
Independent news and stories connecting you to life in Australia and Hindi-speaking Australians.
Ease into the English language and Australian culture. We make learning English convenient, fun and practical.
Get the latest with our exclusive in-language podcasts on your favourite podcast apps.

Watch on SBS
SBS Hindi News

SBS Hindi News

Watch it onDemand