29 वर्षीय गोपीनाथ को विक्टोरिया कंट्री कोर्ट ने सोमवार को सजा सुनाई. गोपीनाथ ने अपना गुनाह कबूल किया था.
कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान बताया गया कि पीड़िता से गोपीनाथ की मुलाकात 2016 में हुई थी जब वह मिल्डूरा थाने में तैनात था. एक घटना के दौरान दोनों की मुलाकात हुई और पीड़िता ने मदद के लिए फेसबुक पर गोपीनाथ का धन्यवाद किया. इसके बाद दोनों के बीच फेसबुक और स्नैपचैट पर बातचीत होने लगी.
तब पीड़िता स्टेट केयर में रह रही थी. दोनों के बीच जनवरी 2017 में 600 से ज्यादा संदेश भेजे गए. इनमें कई आपत्तिजनक तस्वीरें भी थीं. पीड़िता ने गोपीनाथ की 81 बार फोन पर बातचीत भी रिकॉर्ड की. उसने आरोप लगाया कि गोपीनाथ ने उसे गलत तरीके से छुआ और चूमा भी.
जनवरी 2017 में उसने गोपीनाथ से संपर्क खत्म करना चाहा और उसकी भेजी तस्वीरें अधिकारियों को दिखाने की धमकी भी दी. फिर कुछ दिन बाद पीड़िता ने औपचारिक शिकायत दर्ज करा दी.
मामले की सुनवाई के दौरान सामने आया कि गोपीनाथ ने लड़की से कहा था कि वह अपने बयान से मुकर जाए और खुदकुशी करने की धमकी भी दी थी.
जज गुचिआर्दो ने फैसला सुनाते हुए कहा कि गोपीनाथ ने अपने काम का इस्तेमाल निजी संतुष्टि पाने के लिए किया जो कि बेहद बुरा था.
उन्होंने कहा, "जब पीड़ित कमजोर हो तो यह निंदनीय व्यवहार है. और जब इसमें झूठ भी शामिल हो तो इसे क्षमा नहीं किया जा सकता."
गोपीनाथ को सजा पूरी करनी होगी और उसे आठ साल के लिए यौन अपराधी की सूची में शामिल किया जाएगा. उसे पुलिस फोर्स से भी निकाल दिया जाएगा.
Share


