आज आपको मिलवाते हैं मैसूरु के रहने वाले 24 वर्षीय एहराज अहमद से। अहमद एक एथिकल हैकर हैं।
आजकल पर्सनल डाटा की सिक्योरिटी एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा बन चुकी है। अक्सर हम लोग ध्यान नहीं देते हैं लेकिन हमारे मोबाइल फोन पर अनचाही कॉल्स आती हैं।
मुख्य बातेंः
- एहराज अहमद एक एथिकल हैकर हैं और डेटा सिक्यॉरिटी की दुनिया में जाना माना नाम हैं।
- अहमद ने औपचारिक डिग्री भी पूरी नहीं की और जो सीखा इंटरनेट से खुद ही सीखा।
- 16 साल की उम्र में अहमद को हॉल ऑफ फेम में जगह मिली थी।
ये कॉल किसी वस्तु के प्रमोशन से सम्बंधित हो सकती हैं या धोखाधड़ी करने वालों की भी। बहुत कम हम लोग ध्यान देते हैं कि हमारा मोबाइल नंबर कहां-कहां पहुंच चुका है। ये भी नहीं सोचते कि कैसे हमारा मोबाइल नंबर सार्वजनिक हो गया।
आज आपको मिलवाते हैं मैसूरु के रहने वाले 24 वर्षीय एहराज अहमद से। अहमद एक एथिकल हैकर हैं। इस प्रकार की हैकिंग का मतलब है कि किसी सिस्टम या नेटवर्क की कमजोरी को पहचानना और उसे ठीक करने में मदद करना। यह एक सेफ हैकिंग प्रोसेस है।
सुनिए, 16 साल की उम्र में हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाली अहमद की कहानी, उन्हीं की जबानीः
अहमद ने अब तक 700 मिलियन उपभोक्ताओं के पर्सनल डाटा को हैक होने से बचाया है। उन्होंने कई कंपनियों जैसे एयरटेल, ट्रूकॉलर, जस्ट डायल और यहां तक कि फेसबुक के ऐप में ऐसी सिक्योरिटी चूक ढूंढ़ी जिससे उपभोक्ताओं का पर्सनल डाटा कोई भी चुरा कर दुरुपयोग कर सकता था। उन्होंने इन कंपनियों को इसके बारे में सूचित किया और इस कमी को दूर कर लिया गया।
अहमद औपचारिक तौर पर कोई बहुत ज़्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं। इंजीनियरिंग के फर्स्ट ईयर में ही उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया था। डाटा सिक्योरिटी के क्षेत्र में कोई पारम्परिक ट्रेनिंग भी नहीं ली है। जो भी सीखा बस गूगल और इंटरनेट के ज़रिये अपने आप सीखा है। लेकिन आज वह इतने एक्सपर्ट हो गए हैं कि अपनी कंपनी एस्पेरहाईव चलाते हैं और डाटा सिक्योरिटी के क्षेत्र में जाना-माना नाम हैं।