फिलहाल नियम ऐसा है कि 485 वीसा धारक दोबारा 485 वीसा के लिए अप्लाई नहीं कर सकते लेकिन उनके डिपेंटडेंट अप्लाई कर सकते हैं।
मुख्य बातेंः
- यदि कोई व्यक्ति टेंपररी ग्रैजुएट वीसा डिपेडेंट के तौर पर रह चुका है तो अब वह प्राइमरी ऐप्लिकैंट के रूप में 485 वीसा के लिए अप्लाई नहीं कर पाएगा।
- हाल ही में वीसा नियमों में ये बदलाव किए गए हैं।
- इस नियम का असर बड़ी संख्या में अस्थायी माइग्रैंट्स पर पड़ सकता है।
लेकिन नियम में हुए बदलाव के मुताबिक प्राइमरी ऐप्लिकेंट और उनके डिपेंडेंट सभी को दोबारा 485 वीसा अप्लाई करने की इजाजत नहीं होगी।
हालांकि इसमें कुछ अपवाद रखे गए हैं। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से भारी संख्या में माइग्रैंट्स प्रभावित होंगे।
मेलबर्न स्थित माइग्रेशन एजेंट रणवीर सिंह इसे एक निराशाजनक बदलाव मानते हैं।
उन्होंने एसबीएस पंजाबी को बताया, “ऐसे जोड़ों पर सीधा असर पड़ेगा जिनमें से डिपेंडेंट ऐप्लिकेंट ने अभी अपनी पढ़ाई पूरी की है और अब प्राइमरी ऐप्लिकेंट के रूप में 485 वीसा अप्लाई करना चाहते हैं ताकि ज्यादा समय तक ऑस्ट्रेलिया में रह सकें।”
ऐडिलेड स्थित माइग्रेशन एजेंट मार्क ग्लैजब्रूक कहते हैं कि इस बदलाव का वक्त बहुत ही गलत है।
उन्होंने कहा, “ऐसे समय में जबकि सरकार को मौजूदा छात्रों को ऑस्ट्रेलिया मे रहने के लिए बढ़ावा देने वाले नियम लाने चाहिए, तब वे ऐसा नियम लाए हैं जो संभावित छात्रों को हतोत्साहित करेगा।”
इस बारे में हमने गृह मंत्रालय से भी सवाल पूछे हैं और जवाब का इंतजार है।