ऐडिलेड में इस भारतीय युवती का शव पिछले हफ्ते बरामद हुआ था और एक युवक को गिरफ्तार भी किया गया था।
उधर 21 वर्षीय जैसमीन का परिवार अभी भी सदमे में है और यकीन नहीं कर पा रहा है कि उनकी बच्ची अब इस दुनिया में नहीं है।
जैसमीन का शव 8 मार्च को साउथ ऑस्ट्रेलिया के दूर-दराज इलाके में ऐडिलेड से 400 किलोमीटर दूर मोरलना में बरामद हुआ था।
मुख्य बातेंः
- भारतीय मूल की जैसमीन कौर की मौत के मामले में और जानकारी के लिए पुलिस ने आम जनता से मदद की अपील की है।
- जैसमीन का शव 8 मार्च को साउथ ऑस्ट्रेलिया के दूर-दराज इलाके में ऐडिलेड से 400 किलोमीटर दूर मोरलना में बरामद हुआ था।
- पुलिस अब कुछ चीजों की तलाश में है।
पुलिस अब कुछ चीजों की तलाश में है। उन्हें एक चाकू और एक प्लेट की तलाश है, जो जांच के लिए अहम हो सकती हैं। हालांकि पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि यह ना समझा जाए कि चाकू जैसमीन कौर की मौत से जुड़ा हुआ है।
जैसमीन कौर ऐडिलेड के सदर्न क्रॉस होम्स में काम करती थीं। उन्हें वहां 5 मार्च रात 10 बजे आखरी बार देखा गया था।
मेजर क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्रांच के ऑफिसर इन चार्ज डिटेक्टिव सुपरिंटेंडेंट डेस ब्रे कहते हैं कि जैसमीन के अपनी मर्जी से वहां से जाने की संभावना बहुत कम है।
उन्होंने मीडिया को बताया, “हमारा मानना है कि जैसमीन के अपनी मर्जी से किसी के साथ जाने की संभावना बहुत कम है। हम इस संभावना की जांच कर रहे हैं कि उन्हें जबरन ले जाया गया।”
इस बात की भी जांच की जा रही है कि जैसमीन कौर का पीछा तो नहीं किया जा रहा था।
7 मार्च को पुलिस ने कुरालटा पार्क में रहने वाले एक 20 वर्षीय युवक से बात की थी और उसी ने बताया कि जैसमीन का शव कहां है।

Jasmeen Kaur’s body was found in a ‘shallow grave’ in outback South Australia on Monday, 8 March. Source: Supplied by Mr Kharoud
हालांकि पुलिस के मुताबिक यह युवक जैसमीन की मौत में किसी तरह का हाथ होने से इनकार कर रहा है। लेकिन उसे 8 मार्च को ही गिरफ्तार कर लिया गया था और उस पर मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है।
जैसमीन कौर 2018 में स्टूडेंट के तौर पर ऑस्ट्रेलिया आई थीं। पंजाब के संगरूर जिले की रहने वालीं जैसमीन का परिवार अभी भी यकीन नहीं कर पा रहा है कि वह अब इस दुनिया में नहीं हैं।
ऐडिलेड में रहने वाले उनके अंकल मनिंदर सिंह खरौद ने एसबीएस पंजाबी को बताया, “वो एक मेहनती और विनम्र लड़की थी जो एक बेहतर भविष्य की तलाश में ऑस्ट्रेलिया आई थी।”
मनिंदर खरौद ने साथ देने के लिए समुदाय का शुक्रिया अदा किया और कहा कि परिवार एक मुश्किल समय से गुजर रहा है। अब वह मनिंदर के अंतिम अवशेष भारत ले जाने की कोशिश में हैं।