मुख्य बिंदु
- एन्ज़ैक डे की परेड पारंपरिक रूप से गलिपोली में लड़ने वाले सैनिकों के लिए निकाली जाती थी। आज, इसमें सभी पूर्व और मौजूदा बहुसांस्कृतिक सेनानी और उनके उत्तराधिकारी शामिल हैं।
- उस समय सेना में शामिल होने वाले कई ऑस्ट्रलियाई विविध पृष्ठभूमि से आये थे।
- सांस्कृतिक रूप से विविध ऑस्ट्रेलियाई लोग ऐन्ज़ेक डे से जुड़ना चाहते हैं।
एन्ज़ैक दिवस पर, पूरे देश में ऑस्ट्रेलियाई लोग उन लोगों को याद करते हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई और न्यूज़ीलैंड की सेनाओं में सेवा की, लड़ाई लड़ी और जो मारे गए। एन्ज़ैक दिवस मार्च एक प्रमुख कार्यक्रम है जो उनके बलिदान और बहादुरी का सम्मान करता है।
हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाने वाला यह मार्च पारंपरिक रूप से ऑस्ट्रेलियाई और न्यूज़ीलैंड आर्मी कोर (ANZAC) के सदस्यों को समर्पित था, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान गैलीपोली में लड़ाई लड़ी थी।
हालाँकि, अब यह सभी पूर्व ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों, महिला सैनिकों और उनके वंशजों तक विस्तारित है, जिनमें गैलीपोली में लड़ाई के विरोधी पक्ष के लोग भी शामिल हैं।
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2006 में, विक्टोरिया के RSL ने तुर्की के प्रथम विश्व युद्ध के दिग्गजों के वंशजों को एन्ज़ैक दिवस मार्च में शामिल होने का अधिकार दिया, जो आज भी जारी है।
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How to participate in Anzac Day
द श्राइन ऑफ रिमेंबरेंस और ऑस्ट्रेलियन वॉर मेमोरियल में दशकों तक काम करने के लिए AMaGA (ऑस्ट्रेलियाई संग्रहालय और गैलरी एसोसिएशन) विक्टोरिया के जीवन उपलब्धियों के पुरस्कार प्राप्त करने वाली जीन मैकऑस्लान ने SBS के साथ पिछले साक्षात्कार में कहा कि प्रदर्शन और अभिलेख विभिन्न राष्ट्रों को एक ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति में समाहित करने की भावना को दर्शाते हैं।
सुश्री मैकऑस्लान ने कहा कि इसने समय के साथ समाज में आए बदलाव को दर्शाया है, जो युद्ध के प्रभाव से विशेष रूप से प्रभावित है।
वह बताती हैं कि युद्ध के अंत में इटालियंस, जर्मन और जापानी जैसे कैदियों को अपने देश लौटना पड़ा, जबकि कुछ ने पहले ही ऑस्ट्रेलिया में अपनी जीवनशैली स्थापित कर ली थी।
सुश्री मैकऑस्लान कहती हैं, "विशेष रूप से इटालियन स्थानीय किसानों के साथ काम करने में लोकप्रिय थे। यह लोग अपने बंधन में काम करने के आदि हो गए थे और बाद में कई ऑस्ट्रेलियाई परिवार अपनी ज़िम्मेदारी पर इन इतालवी लोगों को वापस बुला लेते थे।"
शंकर नेडसन यूके में जन्में कलाकार-शोधकर्ता हैं जो भारतीय मूल के हैं। वे मेलबर्न/नार्म में स्थित हैं और उनका आर्ट स्टूडियो लन्दन में है।

Left to Right: Alex Ilyin (right) with former comrade in arms Don Frohmuller and contemporary artist and researcher Sankar Nadeson.
वे चाहते हैं कि समुदाय में अंधराष्ट्रवाद और कट्टरवादिता की जगह 'सकारात्मक राष्ट्रीय गर्व' हो।
श्री नेडसन कहते हैं कि इंग्लैंड में पलने-बड़े होने, और बचपन से रिमेम्ब्रेंस डे पर पॉपी के फूल लगाने के बाद भी वे अपने परिवार के इतिहास को ऐन्ज़ेक से नहीं जोड़ पाए।
जब उन्होंने युद्ध में विधवा हुई महिलाओं के साथ काम करना शुरू किया, तब उन्हें ऐन्ज़ेक की सांस्कृतिक विविधता का एहसास हुआ, और तब उन्होंने इसे एक नए सिरे से समझने की कोशिश की।
राज्य भर के यूनिवर्सिटी, प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों के बच्चों के साथ अपनी कलात्मक योजनाओं पर काम करते हुए मुझे पता चला कि लोग चीनी ऐन्ज़ेक्स के बारे में जानते ही नहीं हैं।शंकर नेडसन
"मैंने अपनी बुआ से पूछा तो उन्होंने बताया कि मेरे दादा ब्रिटिश सेना के लिए मलेशिया में लड़े थे, और मुझे पता ही नहीं था, बिलकुल पता नहीं था! मैंने कभी ऐन्ज़ेक की या और किसी भी ब्रितानी या ऑस्ट्रलियाई सेना की युद्ध की कहानी को अपने परिवार या खुद से जोड़ कर सोचा ही नहीं," वे कहते हैं।
ऑस्ट्रलियन वॉर मेमोरियल का कहना है कि लगभग 420,000 ऑस्ट्रलियाइयों ने प्रथम विश्व युद्ध में प्रतिभागिता की। इनमें से प्रथम राष्ट्र के लोग, ब्रितानी, एशियाई, ग्रीक, और उत्तर यूरोपियाई मूल के लोग शामिल रहे। करीब 200 चीनी प्रवासियों ने भी ऑस्ट्रेलिया के पक्ष से विश्व युद्ध में हिस्सा लिया। ऑस्ट्रेलिया चाइना यूथ एसोसिएशन के साथ करते हुए भी श्री नेडसन को पता चला कि उनके छात्रों को ऐन्ज़ेक की सांस्कृतिक विविधता के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
"चीनी मूल के छात्रों को ऐन्ज़ेक और चीनी प्रवासियों के गहरे संबंध की जानकारी प्रायः नहीं होती है। इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हम कला का, स्ट्रीट आर्ट का और स्टैंसिल आर्ट का प्रयोग कर चीनी ऐन्ज़ेक को सामने लाते हैं। एक ऐसे ही स्टैंसिल में हमने बिली सिंग को दर्शाया था। बिली सिंग प्रथम विश्व युद्ध में इम्पीरियल सेना के जाने-माने स्नाइपर थे।"

A Maori warrior in traditional dress leads the New Zealand veterans in the Anzac Day Parade through Sydney CBD on April 25, 2021, in Sydney, Australia. (Photo by Ruth Goodwin/Getty Images) Credit: Ruth Goodwin/Getty Images
श्री नेडसन कहते हैं, "जब समुदाय ने एक चीनी व्यक्ति को युद्ध की टोपी के साथ देखा तो जाना कि इतिहास में उनका भी अपना एक हिस्सा है, कि वे ऑस्ट्रेलियाई इतिहास के हाशिये पर नहीं बैठे हैं।"
रूसी वंशावली के चीन में जन्में एलेक्स इलियन 50 साल पहले ऑस्ट्रेलिया आकर बसे थे। सेना में उनकी सेवा के दौरान उन्हें ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति की बेहतर समझ हुई।
"मैं 1959 में ऑस्ट्रेलिया आया, और सन '67 में सेना का बुलावा आ गया। मेरी अंग्रेज़ी भी अच्छी नहीं थी और ऑस्ट्रेलिया की मेरी समझ भी बस उतनी ही थी जितनी किसी भी नए प्रवासी की होती है," वे याद करते हैं।
ऑस्ट्रेलिया की सेना में दो साल सेवा देने के बाद मेरी आँखें खुली। मैंने उन मूल ऑस्ट्रेलियाई लोगों के साथ काम किया जिन्होंने मुझे ऑस्ट्रेलिया के जीवन, भाषा, बोलचाल, परम्पराओं: जो आप सोच सकते हैं, उन सबकी सीख दी।एलेक्स इलियन
लेकिन कुछ सैनिकों और उनके उत्तराधिकारियों के लिए युद्ध से वापिस लौटने के बाद का अनुभव कसैला हो जाता है। एलेक्स इलियन बताते हैं कि वियतनाम युद्ध से लौटने के बाद सार्वजानिक राय इस युद्द के विरुद्ध थी।
"जब हम वियतनाम से आए, तो हममें से बहुतों से कहा गया: 'ठीक है, नागरिक कपड़े पहनो, और कहीं मत दिखना', क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में वियतनाम के खिलाफ बहुत भावना थी। इसलिए, हम लोग, जिन्हें हमारी सरकार ने ऑस्ट्रेलिया के लिए लड़ने के लिए भेजा था, वापस आ गए और हमें क्षमा सार होकर, लगभग शर्म के मारे छिपना पड़ा," श्री इलिन याद करते हैं।
लेकिन बॉब हॉक के नेतृत्व में एलेक्स इलियन जैसे सेनानियों की सेवा को ऑस्ट्रेलिया ने एक बड़ी स्वागत परेड के साथ पहचाना।
"ऑस्ट्रेलिया भर से लोग सरकारी खर्चे पर हवाई यात्रा से सिडनी पहुंचे और हमने शहर की सड़कों पर एक बड़ा मार्च निकाला। तब से, हम गर्व से अपना सर उठा कर चलते हैं। हमने वो किया, जिसकी हमारे देश को उस समय आवश्यकता थी," श्री इलियन कहते हैं।
1987 से अब तक, श्री इलियन ने एक भी ऐन्ज़ेक डे परेड नहीं छोड़ी है।
शंकर नेडसन ने सिख समुदाय के साथ भी काम किया है। उनके अनुसार इस सांत्वना देने वाली प्रक्रिया की सार्वजानिक पहचान देश को दुःख से उबरने की शक्ति देती है।
"जब लोग आपको देखते हैं, और आपके योगदान के लिए देखते हैं, तब बहुत शांति मिलती है, और आप सर उठा कर समाज में आगे बढ़ने के आत्मविश्वास से भर जाते हैं," श्री नेडसन कहते हैं।

People participate in the ANZAC Day March in Sydney, Australia, on Tuesday, April 25, 2023. (Photo by Steven Saphore/Anadolu Agency via Getty Images) Source: Anadolu / Anadolu/Anadolu Agency via Getty Images
"मेलबर्न के एक गुरूद्वारे में सैंकड़ों सिख लोगों के साथ बात करते हुए मैंने समझा कि अब समुदाय खुद को 'दूसरा' नहीं समझता," वे कहते हैं।
श्री नेडसन मानते हैं कि सिख सेनानियों को पहचान मिलने के बाद इस सनुदय का ऑस्ट्रलियाई समाज में समावेश गहरा हुआ है।
"कभी-कभी आप यह समझते हैं कि आप बड़े समुदाय से अलग हैं, लेकिन जब चीज़ें समावेशी होती हैं, और साथ में प्रस्तुत की जाती हैं, आप भी खुद को ऑस्ट्रलियाई महसूस करते हैं; आप महसूस करते हैं कि असल में ऑस्ट्रेलिया क्या है।"
तो सिख समुदाय के पास यह पहचान थी कि वे गैर नहीं, इसी समुदाय का एक अभिन्न अंग हैं।शंकर नेडसन
श्री नेडसन ने विविध समुदायों के साथ काम करते हुए समझा कि कैसे हर समुदाय इस दिन के साथ अपना एक अलग रिश्ता रखता है।
"सिख समुदाय में यह एक गंभीर विषय है। गंभीर इसलिए क्योंकि उनके यहां सेनानी गुरुओं की परंपरा है, और साथ ही उत्सवधर्मिता भी है, इसीलिए वे हमेशा रंगीन नज़र आते थे।"
"वहीं चीनी समुदाय में सब लाल है: याद के लिए भी लाल है और समृद्धि के लिए भी लाल है। जब वे चीनी डिगरस् की तस्वीर बनाते हैं, वे अपने पूर्वजों के लिये एक गहरा सम्मान प्रदर्शित कर रहे होते हैं," वे कहते हैं।

Crowds are seen during the ANZAC Day March in Sydney, Australia, on Tuesday, April 25, 2023. (Photo by Steven Saphore/Anadolu Agency via Getty Images) Source: Anadolu / Anadolu/Anadolu Agency via Getty Images
"मेरे विचार में लोगों में मैंने यह इच्छा देखी है कि वे ऑस्ट्रलियाई इतिहास के इस महत्वपूर्ण दिन का हिस्सा बनना चाहते हैं, इसमें अपना इतिहास देखना चाहते हैं," वे कहती हैं।
हर साल 25 अप्रैल को एलेक्स इलियन और उनके पुत्र एन्ज़ैक डे परेड में हिस्सा लेते हैं और अपनी ऑस्ट्रलियाई सेना के शहीदों को श्रद्धांजलि देने की परंपरा को जीवित रखते हैं।
"एन्ज़ैक की परम्परा सतत है। मेरे बेटे ने सेना में रहते हुए इराक़, तिमोर, और सोलोमन आइलैंड में शांति सेना में सेवा की। तो, हमारी परंपरा बरकरार है।"
हर 25 अप्रैल को सूर्योदय के समय, ठीक उसी समय पर जब गलिपोली में सेनायें उतरीं, पर श्रद्धांजलि सेवा दी जाती है। फिर पूरे दिन, कस्बों और शहरों में मार्च निकाली जाती है।
एन्ज़ैक के इतिहास के बारे में और जानकारी के लिए ऑस्ट्रलियाई सरकार के ऐन्ज़ेक पोर्टल और ऑस्ट्रलियन वॉर मेमोरियल पोर्टल पर जाएं।
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