क्या आप भारत के ‘कमर्शियल सरोगेसी’ व्यापर के बारे में जानते हैं?

Surrogacy in India

Surrogacy in India Source: Getty Images

2013 में भारत में कमर्शियल सरोगेसी से जुड़े हुए लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिये 2010 के Assisted Reproductive Technology (Regulation) विधेयक में संशोधन किये गए.


2013मेंभारतमें ‘कमर्शियलसरोगेसी  सेजुड़ेहुएलोगोंकेअधिकारोंकीरक्षाकेलिये 2010 के Assisted Reproductive Technology (Regulation)  विधेयकमेंसंशोधनकियेगए.

इसका मुख्या कारण था भारत में चिकित्सा सुविधाओं के स्तर मैं हुए सुधार, विदेशों में सरोगेसी के द्वारा बच्चों की कमी को पूरा करने की मांग और सस्ते दामों पर 22-35 वर्ष की उम्र की औरतों की कोक की उपलब्धि!

इस अनियंत्रित व्यवसाय का आर्थिक मापन करना तो संभव नहीं है पर Confederation of Indian Industry (CII) के अनुसार यह लगभग 2.3 बिलियन डॉलर सालाना का कारोबार जो कि भारत भर में 3000 अस्पतालों से चलता है. 

Indian Council of Medical Research (ICMR) का मानना है की प्रति वर्ष 2000 बच्चे इस प्रक्रिया से भारत में होते हैं! 

गत वर्ष नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश के जरिये विदेशी दम्पतियों के सरॉगसी द्वारा बच्चा करवाने की प्रक्रिया पर पाबन्दी लगा दी.

क्या विदेशी दम्पतियों के भारत में सरॉगसी द्वारा बच्चा करवाने पर पाबन्दी लगाना से सब ठीक हो जाएगा? 

अब यह तो वक़्त ही बताएगाकी इस पाबन्दी का क्या असर होता है!

कमर्शियल सरॉगसी से जुड़ा हुआयह बेहद जरूरी विधेयक संसद में रख दिया गया है और उम्मीद है की यह इस सत्र में पारित भी हो जाएगा.


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