निक टेर्रोने New South Wales में वोलोंगॉन्ग से एक प्रशिक्षित मनोचिकत्सक हैं जो पिछले ५ महीनों से दिल्ली में अपना व्यवसाय स्तापित करने की कोशिश कर रहें हैं.
निक की पत्नी भारतीय मूल की ऑस्ट्रेलियाई हैं. यह दोनों ६ महिने भारत और ६ महिने सिडनी में बिताते हैं.
हाल ही में हुई एक अनोखी घटना ने भारत के प्रति निक के नज़रिये को बदल सा दिया!
निक ने होज खास मेट्रो स्टेशन के एक प्लेटफार्म पर अपना मोबाइल खो दिया.
उन्हें जैसे ही लगा की उनका मोबाइल कहीं रह गया है वह अपने भारत में पिछले ५ महिने के संघर्ष को सोचतै हुए इसे कोसने लगे और कई तरह की प्रतिकूल भावनाएं उनके मन में आ बसी.
पर जब वह अपने मुवक्किल के दफ्तर में दाखिल हो रहे थे तो उन्होंने निक को बताया की एक सज्जन पुरुष आपका मोबाइल संभलकर स्टेशन पर ही आपका इंतज़ार कर रहें हैं!
फिर क्या था उन सज्जन पुरुष से मिलकर निक का भारत के प्रति प्यार और नजरिया फिर से सुदृढ़ हो गया!
अब निक की बस एक ही सलह है उन ऑस्ट्रेलियावासियों के लिये जो भारत में व्यवसाय के सुअवसर की तलाश में हैं - "अपने व्यवसाय और उसके सही मूल्य को सही तरीकै से कहें ताकि भारतीय उसकी योग्यता और उपयोगता का आंकलन कर सकें."