२५ वर्षीये अर्शदीप सिंह पंजाब से ऑस्ट्रेलिया फेडरेशन यूनिवर्सिटी मैं मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढाई करने के लिये २०१५ में आये.
हाल ही में अर्शदीप की एक कविता कनाडा में रह रहे एक पंजाबी गायक और संगीतकार ने अपने एल्बम में गीत के तौर पर पेश की.
इस गेट को सोशल मीडिया पर काफी सरहना मिली!
अर्शदीप लिखते हैं - ‘जिंदगी तो मेरी एक किताब थी, पन्नो पर उत्तर थे दिन मेरे / और लवजों की ही रात थी, बस मैं किताबों और ख्वाबों में गुज़रता रहा!’
अर्शदीप बताते हैं की उन्होंने छोटी बड़ी लगभग ३०० कविताएं लिखीं हैं और अब उनको एक किताब के जाइये लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहें हैं!
अर्शदीप कहतें हैं की किताब बेहद जरूरी अध्यापक है - ‘मैने किताबों से बहुत कुछ सिखा है मैं भी उम्मीद करता हूँ की लोग मेरे अल्फ़ाज़ों से कुछ सीखें!’
आइये सुनिये अर्शदीप की ख़ास बातचीत अमित सारवाल से एस.बी.एस. हिंदी की एक नयी ख़ास पेशकश लोकल टैलेंट सीरीज में!