क्या भारत में तंबाकू पर प्रतिबंद लगाया जाना चाहिय्हे?

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Smoking Source: AAP

धूम्रपान के कारण विश्वभर में प्रति वर्ष लगभग ६ मिलियन लोगों की मृत्यु होती है, इसमें से १ मिलियन लोग भारत में मारे जाते हैं.


श्रीलंका के राष्ट्रपति ने हाल ही में अन्य देशों की सरकारों से अनुरोध किया है की वह अपने नागरिकों की सेहतकी ओर ध्यान दें और तंबाकू लॉबी से अप्रभावित रहें.

उन्होंने यह अपील भारत में की, जहाँ १८० देशों के प्रतिनिधि एक सप्ताह तक तंबाकू के विरोध में अनुबंध को लेकर चले सम्मलेन में भाग लेने के लिये आये हुए थे.

एसबीएस ने भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटका के हुन्सुर शहर का दौरा कर यहाँ केतंबाकू किसानों से यह जानने की कोशिश की - की तम्बाकू पदार्थों पर नियंत्रण या प्रतिबंद पर उनके क्या विचार हैं?

सुबह भोर होते ही तंबाकू किसान बाजार में नीलामी के लिये चल पड़ते हैं.

उनका  तंबाकू  उत्पाद लदा हुआ होता है छोटी लोरियों, ट्रैक्टरों, और बेल गाड़ियों पर.

दक्षिण भारत में तम्बाकू एक बड़ा व्यवसाय है.

मैसूर के निकट स्तिथ इस छोटे से शहर हुन्सुर  के इस तंबाकू बाजार में आधे से ज्यादा उत्पाद तो British American Tobacco कंपनी द्वारा आंशिक रूप से निवेश वाली सिगरेट निर्माता कंपनी ITC- ही खरीद कर ले जाती है.

यहाँ के स्थानिये किसान जैसे की शिवबसप्पा प्रति किलोग्राम उच्च स्तरीय तंबाकू के पत्तों पर तीन डॉलर बनाते हैं.

"Tobacco has made me rich. I am making a lot of money. I don't want to stop, so I will continue to farm it."

शिवबसप्पा बताते हैं की तंबाकू की खेती करने वालों को सम्मान की नज़र से देखा जाता है और यह इतना लुभावना है की बैंक में आसानी से क़र्ज़ भी मिल जाता ही.

इतना ही हैं तंबाकू किसान के लिये शादी के लिये रिश्ते पाना भी काफी सहज है.

पर यदि हम तंबाकू से होने वाले स्वस्थ्य संबंधी खतरों की बात करें तो काफी किसान इनसे अनजान है याइस ओर देखना ही नहीं चाहते.

"Tobacco and cigarettes don't cause cancer. People who don't smoke get cancer. It comes from alcohol and other things. Why should tobacco be banned?"

चीन और ब्राज़ील के बाद भारत का विश्व में तंबाकू उत्पाद में तीसरा स्थान है.

भारत में कई मिलियन लोग इस व्यवसाय पर अपनी रोज़ी रोटी के लिये निर्भर हैं, और इस व्यवस्था को बदलना तब तक बेहद मुश्किल है जब तक इन लोगों को किसी दूसरे काम में नहीं लाग्या जाता.

इस साल की शुरआत में भारत सरकार ने दस राज्यों में फसल की विविधीकरण की एक नयी परियोजना शुरू की.

इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया की ही तर्ज़ पर सिगरेट के डब्बों को बिलकुल अनाकर्षक रूप से प्रस्तुत करने के लिये कहा गया.

और जैसे तंबाकू व्यवसायों ने ऑस्ट्रेलिया में इन परिवर्तनों का विरोध किया ठीक वैसे ही भारत में भी वह अदालतों का सहारा लेकर इन नियंत्रणों को चुनती देकर टालने की कोशिश कर रहें हैं.

भारत के स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने विश्व भर के देशों को एक गठबंधन बना इस तंबाकू समस्या से लड़ने का आह्वान किया है.

"We cannot do this alone. Along with national will and resources, we also need the strength of international collaboration to mitigate the rising burden of the health, social and economic costs of tobacco."

धूम्रपान के कारण विश्वभर में प्रति वर्ष लगभग ६ मिलियन लोगों की मृत्यु होती है,  इसमें से १ मिलियन लोग भारत में मारे जाते हैं.

मैसूर निवासी मोहम्मद अरशद बताते हैं की वह १४ वर्षों से धूम्रपान कर रहें हैं - यह उनकी जिंदगी का  लगभग आधा हिस्सा है.

और हर रात सोने से पहले वह अपने आप से एक वादा करते हैं.

"I just promise myself that, 'Tomorrow, I don't smoke. I shouldn't be smoking tomorrow.' But when I wake up, after I have breakfast, my lungs say I need one cigarette."

उधर तंबाकू किसान शिवबसप्पा ऐसी किसी भी प्रकार की चिन्ता से प्रभावित नहीं हैं

वह अपनी तंबाकू की फसल उगाते रहने और धूम्रपान करने के लिये आश्वस्त प्रतीत होते हैं

तंबाकू खेती से पैसे बना, वह अपने बेटे को पढ़ा लिखा कर एक दिन डॉक्टर बनाने का सपना संजोय हुए हैं! 


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