नाकुला के अलावा पूर्वी लद्दाख में भी कुछ दिन पहले दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ गए थे। मेलबर्न यूनिवर्सिटी में चीनी राजनीति तथा अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के लेक्चरर डॉ प्रदीप तनेजा कहते हैं, "इन झड़पों के पीछे सीमा विवाद के अलावा आर्थिक शक्ति भी एक कारण हैं।"
खास बातेंः
- भारत-चीन की सीमा का 220 किलोमीटर हिस्सा सिक्किम में आता है।
- भारत-चीन की सीमा जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक है।
- 2017 में डोकलाम में भारत और चीन के बीच तनाव 72 दिन चला था और लद्दाख में पैनगॉन्ग झील के पास झड़प हुई थी।
ताजा तनाव की स्थिति को बातचीत के बाद सुलझा लिया गया।
श्री तनेजा ने बताया, “सीमा मामलों को लेकर चीन और भारत मौजूदा प्रोटोकॉल के तहत परस्पर सहमति से संवाद और समन्वय करते रहते हैं.”
भारत-चीन सीमा विवाद पर रोशनी डालते हुए श्री तनेजा ने कहा, “भारत-चीन सीमा को कभी भी स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है। जैसे भारत और बंगलादेश के बीच 2015 में सीमा तय हो गयी थी लेकिन चीन के संदर्भ में यह नहीं हुआ है। 1976 से, सीमा को परिभाषित करने के लिए चर्चा चल रही है। इसलिये चीन की सीमा के लिये वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) कहा जाता है.”

Members of the Ladakh Scouts infantry regiment at Khardung La, a mountain pass in the Ladakh Range of the Himalayas in the Jammu and Kashmir, India. Source: Mary Knox Merrill/The Christian Science Monitor via Getty Images)
“1993 में चीन के साथ समझौता हुआ था कि दोनों सीमाएं और शांति बनाये रखेंगे। और इसी को ध्यान में रख कर दोनों के बीच तंत्र और हॉटलाइन की स्थापना की गई थी। इसी से विवाद कुछ दिनों में सुलझना सम्भव भी हो पाया है।”
भारत और चीन के बीच एलएसी तीन सेक्टरों - पूर्वी, मध्य और पश्चिमी सेक्टर में बंटी है। इस सीमा के पूर्व में अरुणाचल प्रदेश का क्षेत्र, मध्य में उत्तराखंड, हिमाचल और सिक्किम और पश्चिमी सेक्टर में लद्दाख और अक्साई चिन का क्षेत्र है।
“चीन पहले सिक्किम को भारत का हिस्सा नहीं मानता था। 2003 में उस समय प्रधानमंत्री बाजपेयी जी, जब चीन गए, तो एक समझौते के तहत तय हुआ कि चीन नक्शे में सिक्किम को भारत के ही रंग में दिखायेगा। तो चीन ने यह अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकारा था।”
“ भारत चीन सीमा के पूर्वी सेक्टर में अरुणाचल प्रदेश पर चीन अपना कब्जा बताता है और भारत पश्चिमी सेक्टर में अक्साई चिन पर अपना अधिकार बताता है।”
सिक्किम क्षेत्र में 2017 में भी दोनों देशों के बीच गम्भीर तनाव देखने को मिला था । भारतीय सेना ने वहां चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। चीन का दावा था कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा था।
भारत-चीन के बीच तनाव का कारण है चिकन नेक।

A colonel in the Indian army (far right, name withheld), stands with members of the Ladakh scouts at Khardung La, a mountain pass in the Laddakh, India. Source: Mary Knox Merrill/The Christian Science Monitor via Getty Images
यह भारत के साथ सात राज्यों को जोड़ता है। इसीलिये यह वह जगह है जहां भारतीय सेनाएं सतर्क हैं।
भारत चीन के बीच तनाव का कारण है कि दोनों देश अर्थव्यवस्था में वृद्धि कर रहे हैं।
श्री तनेजा के अनुसार, “दोनों ही देश आर्थिक रूप से मजबूत होते जा रहे हैं। दोनों सोचते हैं, वे दूसरे की तुलना में अधिक मजबूत होंगे तो दोनों में कोई भी दूसरे को रियायत देने के लिए तैयार नहीं है।”
श्री तनेजा कहते हैं कि दोनों में एक बड़ा अंतर भी है।
“चीन की सेना और अर्थव्यवस्था भारत से 5 गुना बड़ी है। यही कारण है कि भारत सीमा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और नई सड़कों का निर्माण कर रहा है। ताकि कहीं पर भी चीन भारत को कमजोर न समझे।”
ऑस्ट्रेलिया में लोगों को एक दूसरे से 1.5 मीटर की दूरी बनाए रखना अनिवार्य है. लोगों के जमा होने की सीमा के संबंध में अपने राज्य के प्रतिबंधों को देखें.
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