ईस्टर: धर्म के इतर आइये समझें सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताओं को

Australia Explained - Easter

Social and cultural Easter traditions Australians follow, beyond religion Credit: Fly View Productions/Getty Images

ईसाई धर्म में ईस्टर की बड़ी मान्यता है। लेकिन, अन्य धर्म अनुयायियों या बिना धर्म की पृष्ठभूमि के लोगों के लिए ईस्टर वो समय है जब चार दिन के लंबे सप्ताहांत पर वे परीजनों और सामाजिक आयोजनों का हिस्सा बन सकते हैं, बाहर की गतिविधियों में भाग ले सकते हैं, और ऐसे आयोजनों में जा सकते हैं जहाँ बच्चे केंद्र में हों। ऑस्ट्रेलिया में ईस्टर ऐसे मनाएं।


मुख्य बिंदु:
  • ईस्टर साल के अलग अलग समय पर पड़ने वाला वो पर्व है जो मुख्यतः शरद ऋतु में आता है, जब आम तौर पर स्कूली छुट्टियां चल रही होती हैं।
  • धार्मिक मान्यता से इतर, लोग इस समय अपने परिवार जनों के साथ समय समय व्यतीत करते हैं और छुट्टियों पर जाते हैं।
  • ईस्टर बिल्बी ऑस्ट्रेलिया की एक स्वदेशी परंपरा है जिसने परम्परागत ईस्टर बनी की जगह ली है।
ईसाई धर्म में ईस्टर ईसा मसीह की मृत्यु और उनके पुनर्जीवित होने का समय है। ईस्टर का रविवार ईसाई पंचांग के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है, जो पवित्र सप्ताह के अंत में आता है।

ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए ईस्टर का अर्थ है चार दिन का लम्बा सप्ताहांत क्योंकि गुड फ्राइडे, ईस्टर संडे, और ईस्टर मंडे सभी राष्ट्रीय छुट्टी होती हैं। तस्मानिया और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के अलावा सभी प्रदेशों में ईस्टर संडे राष्ट्रीय छुट्टी होती हैं।

डेनियल कोरी लेबनानी पृष्ठभूमि से आने वालीं सिडनी निवासी हैं जिन्होंने बड़े होते हुए कैथोलिक और परंपरागत ईस्टर दोनों पर्व मनाये।

वे कहती हैं कि इस समय लोग काम से छुट्टी लेकर यात्रा करते हैं, जलसों में जाते हैं, और बाहर समय व्यतीत करते हैं।

"विविध पृष्ठभूमि के लोग यह त्योहार मनाते हैं, और इसी समय पर स्कूली छुट्टियां भी पड़ती हैं, तो यह लोगों को परिवार के साथ समय बिताने और यात्रा करने का अवसर देता है। ऑस्ट्रेलिया में शरद ऋतु है, इसलिए ईस्टर में बार्बेक्यू और पिकनिक का मज़ा भी लिया जा सकता है।"
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Children can make their own basket as an arts & crafts activity to use for their Easter egg hunt. Credit: Fly View Productions/Getty Images

बच्चों के लिए ईस्टर परम्पराएं

लिसा बेकर यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेलबर्न में अर्ली चाइल्डहुड शोधकर्ता हैं। वे कहती हैं कि छोटे बच्चों के लिए ईस्टर का समय खेल और हलचल का समय है।

"प्रीस्कूल या प्राइमरी की उम्र के बच्चों के लिए 'ईस्टर एग्स' और 'ईस्टर बनी' इस पर्व के सबसे ख़ास आकर्षण हैं।

“बहुत से बच्चे परंपरागत ईस्टर एग हंटिंग के लिए बेहद उत्साहित रहते हैं।"

ईस्टर एग हंटिंग परिवारों या सामुदायिक समूहों द्वारा पार्क या गार्डन में आयोजित करायी जाती है। यह ख़ास ईस्टर संडे का खेल है, जहां सब मिलकर अंडे के आकर की चॉकलेट, कैंडी, या सजाये गए असली या नकली अंडे खोजते हैं।

लोक कथा के अनुसार ईस्टर बनी आकर ईस्टर एग्स छुपाते हैं।

लेकिन ऑस्ट्रेलियाई लोग इस परंपरागत खेल को एक नए तरीके से मनाते हैं। क्योंकि बनी यानी खरगोश ऑस्ट्रेलियाई पर्यावरण के लिए हानिकारक माने जाते हैं, इसलिए बनी की जगह ऑस्ट्रेलियाई बिल्बी को प्रतीक बनाया जा रहा है।

"वे [खरगोश] हमारे पर्यावरण में बाहर से आये हैं और हमारी वनस्पति और वन्य जीवों के लिए बेहद हानिकारक हैं। इसलिए हमने अब ईस्टर बिल्बी को अपना लिया है," सुश्री बेकर समझाती हैं।

"अब आप चॉकलेट ईस्टर बिल्बी भी वैसे ही खरीद सकते हैं, जैसे आप चॉकलेट ईस्टर बनी खरीद के लाते हैं।"

एक बहुसांस्कृतिक देश के तौर पर, ऑस्ट्रेलिया में ईस्टर उत्सव भी विविध परंपरओं का समागम है।

सुश्री बेकर समझाती हैं कि स्कूलों में, खासकर छोटे बच्चों के स्कूलों में जहां राष्ट्रीय पाठ्यक्रम लागू किया जाता है वहां समवेशी और सांस्कृतिक रूप से उत्तरदायी उत्सव मनाये जाते हैं।
शिक्षक और स्कूल अपनी कक्षाओं में विविध पृष्ठभूमियों के बच्चों को उत्सव का हिस्सा बनाने के लिए बेहद संवेदनशील तरीके अपनाने का प्रयास करते हैं।
लिसा बेकर
"उदाहरण के तौर पर, चॉकलेट ईस्टर एग्स की ईस्टर एग हंट के साथ-साथ अण्डों को रंगने की ऑर्थोडॉक्स परंपरा को भी निभा सकते हैं, या टहनियों और छोटे-छोटे डंठलों पर अंडों की प्रदर्शनी भी लगा सकते हैं।"
Australia Explained - Easter -  mother and child with Easter bonnet
Making an Easter hat and participating in an Easter hat parade is a classic cultural ritual, that many children and schools opt to participate in, says Ms Baker. Credit: OMG/Getty Images

दो ईस्टर, सांस्कृतिक विविधता के अधिक विकल्प

सुश्री कोरी का जन्म प्रथम और द्वितीय पीढ़ी के लेबनानी ऑस्ट्रेलियाई माता-पिता के घर सिडनी में हुआ था। वे बचपन से कैथोलिक और ऑर्थोडॉक्स दोनों ही ईस्टर मनाती हुई बड़ी हुईं। ये दोनों इसाई पर्व ईस्टर का ही उत्सव हैं जो अलग-अलग तारीखों पर पड़ते हैं।

“कैथोलिक ईस्टर ग्रेगोरियन पंचांग के अनुसार मनाया जाता है और ऑर्थोडॉक्स ईस्टर [जूलियन] पंचांग के अनुसार। कभी-कभी ये दोनों साथ भी आ सकते हैं, और कभी पांच हफ़्तों के अंतर पर भी पड़ सकते हैं," सुश्री कोरी समझाती हैं।

वे बताती हैं कि दोनों ही परंपराओं में ईस्टर परिवारों के साथ आने का समय है जहां ईस्टर के स्थायी व्यंजन जैसे हॉट क्रॉस बंस, घर के बने बिस्किट और पेस्ट्री, मछलियों के सूप, स्वादिष्ट व्यंजन और बड़ा रोस्ट ईस्टर संडे बनाये-परोसे जाते हैं।

ऑर्थोडॉक्स ईस्टर की सबसे आम सांस्कृतिक परंपराओं में अण्डों को प्राकृतिक रंगों, जैसे प्याज़ के पत्तों के रंग, से रंगा जाता है। इसके बाद परिजन आपस में अंडों की लड़ाई करते हैं।

सुश्री कोरी याद करती हैं कि कैसे वे सब एक साथ बैठ कर 'एग टेपिंग' करते थे।

"यह हम सब के लिए एक ज़बरदस्त कॉम्पीटीशन हुआ करता था, जहां पूरा परिवार दो-दो के जोड़ों में खेला करता था। हम एक सिरे से अंडे पर टेप लगाना शुरू करते थे और दूसरे तक ले जाते थे। अगर के दोनों सिरे चटक गए, तो आप खेल से बाहर हो जाते थे। अंत में वो जीतता था जिसके अंडे में या तो कोई दरार न हो, या जो केवल एक सिरे से चटका हो," वे बताती हैं।
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Different cultural group celebrate Orthodox Easter in Australia, including followers of the Greek Orthodox, Russian Orthodox and Macedonian Orthodox faith. Credit: LOUISE BEAUMONT/Getty Images
'श्रोव ट्यूज़डे', जिसे 'पैनकेक डे' भी कहा जाता है, ईस्टर के पहले की एक और खाने से जुड़ी परंपरा है।

"लेंट के समय में जाने से पहले भंडारघर के रसद को प्रयोग करने के लिए इन परम्पराओं को बने गया," सुश्री बेकर बताती हैं।

वे आगे बताती हैं कि साथ मिलकर पैनकेक बनाना भी बच्चों के लिए एक मज़ेदार ईस्टर परंपरा है।

"वैसे तो यह एक पारिवारिक गतिविधि है, लेकिन अगर आप दूसरे लोगों को भी इसमें शामिल करना चाहते हैं, तो उसमें कोई मनाही नहीं है।"

रिश्ते जोड़ने का समय

ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए ईस्टर के मनोरंजन का अर्थ है कैंपिंग पर जाना या मेले-जलसों में शिरकत करना।

सैंकड़ों दूसरे सिडनी निवासियों की तरह, सुश्री कोरी की भी बचपन की यादें ईस्टर शो में जाने से जुडी हैं। ईस्टर शो, यानी सिडनी रॉयल ईस्टर शो कृषि समुदायों का वो मेला है जो हर साल सिडनी में लगता है।

"वो एक मनोरम अनुभव होता था। हम ग्रामीण झांकियां देखते थे, और फूलों के, क्राफ्ट्स के सुन्दर प्रदर्शन देखते थे। लकड़ी काटने की भी प्रदर्शनी हुआ करती थी, जहां से हम अपने स्कूल के प्रोजेक्ट के लिए लकड़ियां भी घर ले जाया करते थे। और, ज़ाहिर सी बात है कि घर जाते साय हम ढेर सारे चिप्स और टॉफ़ी भरे ईस्टर शो बैग भी तो ले जाते थे!"
Australia Explained - Easter - Princess Anne Visits Sydney
Held over a two-week period around Easter, the Sydney Royal Easter Show is Australia’s largest in size annual event, attracting over 800,000 people. Credit: Mark Metcalfe/Getty Images
यह अपनी तरह का राज्य का सबसे बड़ा मेला होता है, और इसका कोई धार्मिक महत्त्व नहीं है। इसे 'ईस्टर' शो केवल हर साल इसके समय के लिए ही कहा जाता है।

मरे विल्टन एग्रीकल्चर एंड सिडनी रॉयल ईस्टर शो के प्रबंधक हैं।

वे कहते हैं, "1890 के दशक में यह तय किया गया था कि इस मेले को ईस्टर पर रखा जाएगा क्योंकि तब लम्बी सप्ताहांत के छुट्टी होती है। यह एक ऐसा मौका था जब लोग दो नहीं, बल्कि तीन दिन के लिए अपने खेत और व्यवसाय छोड़ कर निकल सकते थे। इसीलिए यह वो समय बन गया जब ईस्टर शो का उत्सव मनाया जाने लगा।"

ऑस्ट्रेलिया भर के दूसरे ईस्टर मेलों की ही तरह इसमें भी कार्निवाल के झूलें होते हैं, खेल होते हैं, प्रतिस्पर्धाएं होती हैं और खेती के जानवरों के साथ खेलने का मौका होता है।

श्री विल्टन बताते हैं कि सिडनी रॉयल ईस्टर शो बहुसांस्कृतिक परम्पराओं को गले से लगाता है, और इसीलिए हर साल नागरिकता समारोह भी इसमें शामिल किया जाता है।

"और अब तो आयोजक चौथी और पांचवीं पीढ़ी के किसानों से भी बात कर रहे हैं। इन समुदायों को साथ बढ़ते देख, इस 12 दिन के उत्सव के लिए साथ आते देख दिल को बहुत ख़ुशी होती है। यह ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति और कृषि की सच्ची झांकी है!"
इस बात से अंतर नहीं पड़ता कि आप कौनसे देश से आते हैं, किस धर्म को मानते हैं। सिडनी रॉयल ईस्टर शो के दरवाज़े सबके लिए खुले हैं।
मरे विल्टन
सुश्री बेकर के अनुसार, ईस्टर आखिरकार एक ऐसा मौका है जब आप दूसरों के साथ जुड़ कर इस तरह उत्सव मना सकते हैं जहाँ आपका समुदाय में और अपने कल्याण में विश्वास और जुड़ाव बढ़े।

"स्थानीय सामुदायिक समूह, स्कूली समूह, स्थानीय काउंसिल, बाजार या जलसे ईस्टर के समय में सक्रीय रहते हैं। चार दिन के सप्ताहांत में अपन समुदाय को जानने समझने का अच्छा मौका मिलता है।"

"ईस्टर हो या और कोई उत्सव, चाहे धार्मिक हो या समाजिक, या सांस्कृतिक, लक्ष्य समुदायों और लोगों को साथ लाना और परिवार के आपसी संबंधों को पक्का करना है।"

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